Mradhubhashi
Search
Close this search box.

रांची की CBI कोर्ट का फैसला- चारा घोटाले से जुड़े पांचवें मामले में भी लालू यादव दोषी करार, 24 लोग बरी

950 करोड़ रुपए के देश के बहुचर्चित चारा घोटाले के सबसे बड़े (डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए के गबन) केस में मंगलवार को फैसला आ गया। CBI की विशेष अदालत ने RJD सुप्रीमो लालू यादव सहित 75 आरोपियों को दोषी करार दिया है। वहीं, 24 लोगों को बरी कर दिया। सजा का ऐलान 21 फरवरी को होगा। RJD सुप्रीमो को कोर्ट की ओर से दोषी करार देते ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके बाद उनके वकील ने जेल न भेजकर रिम्स में भेजने के लिए आवेदन दिया है। इस पर कोर्ट दोपहर दो बजे के बाद सुनवाई करेगा।

मामले के मूल 170 आरोपियों में से 55 की मौत हो चुकी है, सात सरकारी गवाह बन चुके हैं, दो ने अपने ऊपर लगे आरोप स्वीकार कर लिए हैं और छह फरार हैं. लालू प्रसाद के अलावा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, तत्कालीन लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष ध्रुव भगत, पशुपालन सचिव बेक जूलियस और पशुपालन सहायक निदेशक डॉ के एम प्रसाद मुख्य आरोपी हैं. लालू यादव समेत सभी आरोपियों के ख़िलाफ़ जाँच एजेन्सी ने 2001 में चार्जशीट दायर किया था और 2005 में चार्ज फ़्रेम किया गया था।

झारखंड में जिन पाँच मामलों में लालू यादव आरोपी बनाए गए हैं, उनमें ये एकमात्र मामला है जिसमें फ़ैसला आना बाकी था। बाकी चार मामलों में कोर्ट पहले ही लालू यादव को दोषी करार देते हुए सजा का ऐलान कर चुका है। चाईबासा कोषागार के दो अलग-अलग मामलों में लालू यादव को सात-सात साल की सजा हो चुकी है, जबकि दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में पाँच साल और देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में चार-चार वर्ष की सजा सुनायी गई है। चारों मामलों में लालू यादव ने जेल काटते हुए सजा का पचास प्रतिशत हिस्सा पूरा कर लिया है।

950 करोड़ रुपये का यह घोटाला अविभाजित बिहार के विभिन्न जिलों में धोखाधड़ी कर सरकारी खजाने से सार्वजनिक धन की निकासी से संबंधित है. राजद सुप्रीमो को चारा घोटाला मामले में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई है और कुल 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. उन्हें दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से जुड़े चार मामलों में जमानत मिल गई है।

चारा घोटाला मामला जनवरी 1996 में पशुपालन विभाग में छापेमारी के बाद सामने आया था. सीबीआई ने जून 1997 में प्रसाद को एक आरोपी के रूप में नामित किया था. एजेंसी ने प्रसाद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ भी आरोप तय किए थे. सितंबर 2013 में निचली अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में प्रसाद, मिश्रा और 45 अन्य को दोषी ठहराया और प्रसाद को रांची जेल भेज दिया गया था।
दिसंबर 2013 में उच्चतम न्यायालय ने मामले में प्रसाद को जमानत दे दी, जबकि दिसंबर 2017 में सीबीआई अदालत ने उन्हें और 15 अन्य को दोषी पाया और उन्हें बिरसा मुंडा जेल भेज दिया था. बाद में झारखंड उच्च न्यायालय ने प्रसाद को अप्रैल 2021 में जमानत दे दी थी।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट