Sawan First Somvar 2023: सावन महीने का आज पहला सोमवार है। इसको लेकर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सुबह से भक्तों की भीड़ लगी है। दोहपर 2 बजे तक 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। यह आंकड़ा शाम तक 3 लाख से ज्यादा पहुंचने की संभावना है। रात 2.30 बजे महाकाल मंदिर के पट भस्म आरती के लिए खोल दिए गए थे। भस्म आरती में भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन कर विशेष श्रृंगार किया गया।
शाम 4 बजे भगवान महाकाल की सवारी निकलेगी। तब भगवान महाकाल मनमहेश के रूप में दर्शन देंगे। इस साल अधिक मास में होने के कारण सावन 59 दिनों का होगा। 4 जुलाई से 31 अगस्त तक सावन है। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए श्रद्धालु देशभर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर में पहुंच रहे।
बता दें भस्म आरती में जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से पूजा की गई। भांग, चंदन, सूखे मेवों से बाबा महाकाल का दिव्य शृंगार कर भस्म अर्पित हुई। फिर रजत का त्रिपुंड, त्रिशूल और चंद्र चढ़ाया गया। शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुंडमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ फूल चढ़ाए गए।
इसके बाद महाकाल को मोगरे और गुलाब के पुष्प अर्पित कर फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया। दरअसल, ऐसी मान्यता है कि भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं। भगवान महाकाल शाम 4 बजे शहर भ्रमण पर निकलेंगे। पहली सवारी में भगवान श्री मनमहेश के रूप में रहेंगे।
भगवान महाकाल को पहले पुलिस बैंड और सशस्त्र बल की टुकड़ी गार्ड ऑफ ऑनर देगी। फिर महाकाल चौराहे से सवारी गुदरी चौराहा, कार्तिक चौक, हरसिद्धि होते हुए रामघाट पहुंचेगी। शिप्रा नदी पर मां क्षिप्रा के जल से बाबा महाकाल का अभिषेक होगा। यहां से सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर लौटेगी। सावन मास में हर सोमवार को महाकाल राजा की सवारी निकालने का नियम है। इस साल अधिक मास होने से 10 सवारी निकेगी। इनमें 8 सवारी सावन महीने और दो सवारी भादों में निकेगी।