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भोपाल के तालाब में मिली 1.5 फीट की एलिगेटर गार, करती है इंसानों का शिकार

1.5-feet-long alligator found in Bhopal pond

मगरमच्छ जैसा था उत्तरी अमेरिका में पाई जाने वाली इस वजनी मछली का मुंह

भोपाल- राजधानी के बड़े तालाब में बुधवार सुबह फिशिंग के दौरान एक युवक को इनसान के लिए खतरनाक मगरमच्छ के मुंह जैसी मछली मिली है। करीब ढाई किलो वजनी इस मछली की लंबाई करीब डेढ़ फीट है। हालांकि जब यह फिशिंग के दौरान कांटे में फंसी तभी उसकी मौत हो गई थी।

अभी यह युवक के घर में रखी हुई है जिसे लोग देखने को उमड़ रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक तालाब में युवक अनस खान सुबह फिशिंग कर रहा था तभी उसकी बंसी में एक अजीबोगरीब मछली फंस गई। इस मछली का मुंह देखने में मगरमच्छ के जबड़े जैसा है। बड़े तालाब में पहली बार इस तरह की मछली देखने को मिली है। अब यह मछली बड़े तालाब में कैसे आई और किसने इसका बीज छोड़ा, इसको लेकर अभी कुछ क्लियर जानकारी सामने नहीं आई है। देखने में ये मछली एलीगेटर गार जैसी दिखती है। इसे क्रोकोडाइल फिश भी कहते हैं। इस तरह की मछलियां उत्तरी अमेरिका के मीठे पानी में पाई जाती हैं।

आरी की तरह होते हैं दांत

एलीगेटर गार मछली के दांत आरी की तरह बड़े-बड़े होते हैं। यह मछली मांसाहारी होती है इनकी उम्र 18 से 20 साल होती है मछली करीब 10 फीट लंबी हो सकती है। खतरा महसूस होने पर यह मछली इंसानों तक पर हमला कर देती है। उत्तरी अमेरिका में इसके हमले के कई केस सामने आ चुके हैं। एलीगेटर गार को लोग पालना भी पसंद करते हैं। केरल में तो इसका पालन भी होता है। इसकी कीमत की बात करें तो ये 5 इंच की मछली 1000 से 2000 रुपए तक की बिकती है।

लखनऊ के अलावा और किसी चिड़ियाघर में नहीं
भारत में एलीगेटर गार मछली लखनऊ के चिड़ियाघर में मौजूद है। ये मछली देश के किसी भी दूसरे चिड़ियाघर में देखने को नहीं मिलती है। मछली पालन करने वाले विनय बाथम बताते है कि यह मछली नरभक्षी है, जिसकी लंबाई तेजी से बढ़ती है। इस मछली को खाने के लिए चिकन और मछली दी जाती है। ये मछली 2013 में लखनऊ लाई गई थी इसका रहन सहन दूसरी मछलियों से एकदम अलग होता है, इसलिए कोई भी इस मछली को नहीं पालना चाहता।

2 साल पहले इंदौर में भी लाई गई थी
वर्ष 2021 में इंदौर में एलीगेटर गारफिश को चोरी-छिपे एक्वेटिक पोर्ट में रखकर मुंबई से लाया गया था। इंदौर एयरपोर्ट पर डीआरआई की इंफोर्समेंट टीम ने जब संबंधित व्यक्ति से मछली पालने के दस्तावेज मांगे तो वे उपलब्ध नहीं करा पाया था। जिसके बाद इसे स्मगलिंग की आशंका मानकर मछली को जब्त कर लिया गया था। इंदौर नगर निगम ने इसे एक्टिवेटेड एक्वेरियम में रख दिया था।

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