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मप्र नाट्य विद्यालय में शुरू होगा 2 साल का पीजी डिप्लोमा

मप्र नाट्य विद्यालय में शुरू होगा 2 साल का पीजी डिप्लोमा

मप्र नाट्य विद्यालय: पहली बार 350 अभ्‍यर्थियों ने किया आवेदन, डिग्री कोर्स भी शुरू करने की तैयारी

रवि शर्मा- संस्कृति विभाग द्वारा संचालित मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय (MPSD) में जुलाई से नाट्य कला में दो वर्षीय पीजी डिप्लोमा शुरू किया जाएगा। सत्र 2023-2024 के लिए प्रवेश प्रक्रिया जारी है। इसमें प्रवेश के लिए पहली बार देशभर से करीब 350 आवेदन आए हैं। नाट्य विद्यालय के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। गत वर्ष 220 आवेदन आए थे। इसकी वजह नया पीजी डिप्लोमा इन ड्रामेटिक आर्ट कोर्स शुरू होना माना जा रहा है। इससे उत्साहित विद्यालय प्रबंधन ने अगले बैच से डिग्री कोर्स शुरू करने की मंजूरी के लिए संस्कृति विभाग से पत्राचार शुरू कर दिया है।

संस्कृति विभाग की पहल पर स्कूल को राजा मान सिंह तोमर कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर से संबद्धता मिल चुकी है। अब दो वर्षीय पीजी डिप्लोमा इन ड्रामेटिक आर्ट कोर्स में प्रवेश दिए जाएंगे। नाट्य विद्यालय के निदेशक टीकम जोशी ने बताया कि पाठ्यक्रम लगभग समान है, बस थोड़ा विस्तार दिया गया है।

यह थ्योरी और एस्थेटिक जैसी नाट्य कलाओं से संबंधित होगा। प्रोडक्शन भी बढ़ाया जाएगा। अब चार प्रोडक्शंस तैयार किए जाएंगे। पहले इसकी संख्या दो थी। टीकम जोशी ने बताया कि विद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 21 अप्रैल थी। वर्तमान में आवेदनों की स्‍क्रूटनी का काम चल रहा है। इसके बाद काल लेटर भेजे जाएंगे। मई माह के अंतिम सप्ताह में प्राथमिक चयन कार्यशाला और जून के पहले सप्ताह में अंतिम चयन कार्यशाला आयोजित होगी। नया सत्र इसी साल जुलाई से शुरू होगा।

कला अकादमी में लगने लगीं कक्षाएं

मध्य प्रदेश ड्रामा स्कूल को नाट्य प्रशिक्षण के लिए जगह की कमी के कारण मुल्ला रमूजी संस्कृति भवन से उस्ताद अलाउद्दीन खान संगीत एवं कला अकादमी के भवन में स्थानांतरित कर दिया गया है। पहले यह मुल्ला रमूजी संस्कृति भवन में ग्राउंड फ्लोर पर चल रहा था, जहां एक वर्षीय डिप्लोमा के हिसाब से ही जगह का अभाव था।

आगामी दो वर्षीय पीजी डिप्लोमा के मद्देजनर इसे स्थानांतरित किया गया है। कक्षाएं नए भवन में चल रही हैं, जबिक कार्यालय अभी पुराने भवन में ही संचालित है। बता दें कि वर्ष 2011 में स्थापना के रंगश्री लिटिल बैले ट्रूप भवन में स्कूल चलाया जा रहा था और 2018 में इसे मुल्लाजी रामूजी संस्कृति भवन में स्थानांतरित कर दिया गया था।

अभी नहीं बढ़ेगी सीट

दो वर्षीय कोर्स के लिए सीट नहीं बढ़ाई जाएंगी, क्योंकि सीट बढ़ाने से हम कालेज बन जाएंगे, हजार बच्चे आएंगे और शिक्षण की विशिष्ट प्रक्रिया भीड़ के साथ नहीं हो सकती। हम इसे स्टेट स्कूल आफ एक्सीलेंस बनाना चाहते हैं, अकादमिक वारीयता के साथ। इसे एनएसडी की तरह उत्कृष्ट संस्थान बनाना है। हम चाहते हैं कि स्कूल से पीजी डिप्लोमा कर निकले विद्यार्थी दूसरे संस्थानों के एमए के समकक्ष हों। ट्रेनिंग पर ज्यादा जोर देंगे। पहले बैच की सफलता के बाद इसे डिग्री कोर्स में तब्दील करने की योजना है।

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