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Nobel Peace Prize 2023: ईरान की नर्गेस मोहम्मदी को शांति का नोबेल पुरस्कार, 31 साल से जेल में बंद, 154 कोड़ों की सजा

Nobel Peace Prize 2023

Narges Mohammadi Gets Nobel Peace Prize: ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई, उनके अधिकारों एवं स्वतंत्रता को बढ़ावा देने की उनकी लड़ाई के लिए नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने शुक्रवार को नर्गेस मोहम्मदी को 2023 नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया है

Nobel Peace Prize 2023: नोबेल पुरुस्कार समिति ने कहा है कि इस बार का शांति पुरस्कार उन सैकड़ों-हजारों लोगों को भी मान्यता देता है, जिन्होंने महिलाओं को निशाना बनाने वाली भेदभाव और उत्पीड़न की धार्मिक शासन की नीतियों के विरुद्ध प्रदर्शन किया है। सितंबर 2022 में महसा जीना अमिनी की ईरानी नैतिकता पुलिस की हिरासत में हत्या की गई थी, जिससे ईरान के शासन के विरुद्ध राजनीतिक प्रदर्शन शुरू हुए।

Nobel Peace Prize 2023: नर्गेस मोहम्मदी के नेतृत्व में लोगों ने आंदोलन में भाग लिया। वहीं, नर्गेस को बहादुरी की कीमत भी चुकानी पड़ी। ईरानी शासन ने 13 बार गिरफ्तार किया। पांच बार दोषी ठहराया और 31 साल जेल की सजा सुनाई। 154 कोड़े की भी सजा सुनाई गई। अब भी मोहम्मदी जेल में हैं। साल की शुरुआत में नर्गेस मोहम्मदी संयुक्त राष्ट्र का विश्व प्रेस स्वतंत्रता पुरस्कार पाने वाले जेल में बंद ईरानी पत्रकारों में से एक हैं।

व्हाइट टॉर्चर किताब में कैदियों का दर्द लिखा
Nobel Peace Prize 2023: महिलाओं की आजादी और हक के लिए आवाज उठाने वाली नरगिस ने किताब लिखी है। किताब का नाम-व्हाइट टॉर्चर है। जेल में रहते हुए नरगिस ने कैदियों का जो दर्द महसूस किया, उसे किताब में लिखा है। कैदियों के अनुभवों को दर्ज करने वाली किताब और महिलाओं की आवाज उठाने के लिए उन्हें 2022 में रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) के साहस पुरस्कार से नवाजा गया था।

मौत की सजा खत्म करने की वकालत
Nobel Peace Prize 2023: नर्गिस कैदियों के अधिकारों और मौत की सजा को खत्म करने की भी वकालत करती रहीं हैं। मानवाधिकारों से जुड़े इन्हीं कामों की वजह से वह ईरान सरकार की आंखों में चुभती रही हैं। कई बार जेल जाना पड़ा। फिजिक्स की पढ़ाई कर चुकीं नर्गिस ने शुरुआती तौर में बतौर इंजीनियर कॅरियर बनाया था। फिर अखबारों के लिए लिखना शुरू किया। उन्होंने धीरे-धीरे महिलाओं के अधिकारों के लिए लिखना और सरकार से सवाल शुरू किए। इसकी शुरुआत 1990 से की। उन्हें 2011 में पहली बार गिरफ्तार किया गया था।

कैदियों के परिवारों की मदद के आरोप में जेल
Nobel Peace Prize 2023: ईरान की सरकार जब उन्हें रोकने में नाकाम रही तो नर्गिस पर कई आरोप लगाए गए। सरकार ने कैदियों के परिवारों की मदद करने का उन पर आरोप लगाए गए। सरकार ने कैदियों के परिवारों की मदद करने का उन पर आरोप लगाया। 2011 में पहली बार गिरफ्तार किया और 2 साल बाद जमानत मिली। 2015 में फिर जेल भेज दिया गया।

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