पिछले चार वर्ष नाैकरी का इंतजार कर रहे एमपी पीएससी के अभ्यर्थियाें के सब्र का बांध शुक्रवार काे टूट गया। इंदौर में बड़ी संख्या में जुटे अभ्यर्थियाें ने पहले भंवरकुआं चाैराहे से पीएससी मुख्यालय तक बड़ी रैली निकाली। फिर जाेरदार प्रदर्शन किया। अभ्यर्थी देर शाम तक डटे रहे। संख्या इतनी ज्यादा थी कि पुलिस काे बैरिकेटस लगाकर चाराें तरफ के रास्ते बंद कर ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ा।
अभ्यर्थियाें ने कहा कि राज्य सेवा परीक्षा 2018 की परीक्षा नियुक्तियां 2019 में हुई थी। यही अंतिम भर्ती प्रक्रिया थी। उसके बाद से सिर्फ इंतजार करवाया जा रहा है। तब से अब तक राज्य प्रशासनिक सेवा का एक भी पद नहीं भरा गया है। पीएससी और सरकार के पास एक ही बहाना है कि मामला काेर्ट में है। जबकि निगम चुनाव में ओबीसी आरक्षण मामला भी काेर्ट में था, तब सरकार ने इनती फूर्ती क्याें दिखाई।
फरवरी 2019 में पीएससी ने आखिरी बार राज्य सेवा परीक्षा- 2018 के 298 स्वीकृत पदों में से 286 पर नियुक्तियां की थीं। उसके बाद से आज तक परीक्षाएं हुईं लेकिन नियुक्ति नहीं हो पाई। 2019 की मेन्स पास कर चुके अभ्यर्थी सबसे ज्यादा परेशानी में हैं। क्याेंकि इंटरव्यू तक पहुंचने के बाद भी इनका करियर अटका है। तमाम बाधाओं व काेविड के दाे साल से हुई देरी के बावजूद इनके इंटरव्यू इसी साल मार्च में हाे जाना थे। लेकिन काेर्ट के निर्णय के बाद मामला अटक गया।