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MP Foundation Day: जानिए कैसे भोपाल बना भारत का हिस्सा, सरदार पटेल ने मध्य प्रदेश(MP) को दिलाई थी राजधानी

MP Foundation Day: जानिए कैसे भोपाल बना भारत का हिस्सा, सरदार पटेल ने मध्य प्रदेश(MP) को दिलाई थी राजधानी

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MP Foundation History: मध्य प्रदेश(MP) का आज स्थापना दिवस है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर प्रदेशवासियों को बधाई दी। प्रदेश की तरक्की की कामना की। वैसे, हम आपको इस लेख में मध्य प्रदेश की स्थापना से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं। कैसे यह प्रदेश और इसकी राजधानी भोपाल अस्तित्व में आई। देश की आजादी के समय कई रियासत ऐसी थी, जिनका पाकिस्‍तानी प्रेम अधिक था। वे भारत में नहीं आना चाहते थे। कुछ रियासतें स्वतंत्र रहना चाहती थी। इनमें से भोपाल भी था, जो भारत में शामिल नहीं होना चाहता था। वैसे, तत्कालीन उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के हस्तक्षेप और भोपालवासियों के विरोध के बाद 1 जून 1949 को भोपाल का भारत में विलय हो गया।

भोपाल के नवाब हमीदुल्लाह खान पाक समर्थक थे। वे भारत में शामिल नहीं होना चाहते थे। हैदराबाद की तरह भोपाल रियासत को स्वतंत्र रखने के पक्ष में थे। हालांकि लार्ड माउंटबेटन ने प्रस्ताव को खारिज किया था। इसे लेकर फैसला नहीं हो पाया।

नेहरू और जिन्ना के अच्छे दोस्त थे नवाब

पंडित जवाहल लाल नेहरू और जिन्‍ना नवाब के अच्‍छे दोस्‍त थे। जिन्‍ना ने नवाब को प्रस्‍ताव दिया था कि वे पाकिस्‍तान आते हैं तो उन्‍हें वहां सेक्रेटरी जनरल पद देंगे। इसके लिए नवाब तैयार थे। उन्‍होंने बेटी आबिदा को भोपाल रियासत का शासक बनने के लिए कहा, लेकिन आबिदा ने मना कर दिया था।

मार्च 1948 को भोपाल में भड़का विरोध

मार्च 1948 में नवाब द्वारा भोपाल को स्वतंत्र रियासत घोषित करने और मई 1948 में भोपाल मंत्रिमंडल के गठन बाद विरोध भड़का। इसे देखते हुए भोपाल मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री चतुरनारायाण मालवीय नवाब के विरोध में खड़े हुए थे।

दिसंबर 1948 को भड़का था आंदोलन

दिसंबर 1948 को डॉ. शंकरदयाल शर्मा, भाई रतन गुप्ता जैसे नेताओं के नेतृत्व में भोपाल के भारत में विलय के लिए ‘विलीनीकरण आंदोलन’ शुरू हुआ था। इसके बाद प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था। जनवरी 1949 में डॉ. शंकर दयाल शर्मा को जेल भेजा गया।

सरकार पटेल को पहुंचा तार

इस विरोध के बीच सकर संक्रांति के मेले में गोलीकांड हुआ। इसमें 10 लोग मारे गए थे। घटना के बाद कांग्रेस के प्रांतीय सदस्य बालकृष्ण गुप्ता ने सरदार पटेल को तार भेजकर हस्तक्षेप करने की अपील की थी। उन्‍ंहोने तार में लिखा था-14 जनवरी को भोपाल राज्य के बोरास घाट में संक्रांति मेले में गोली चली। 10 मौतें, 250 घायल और कई लापता हैं। सशस्त्र पुलिस शव को सौंप नहीं रही है, तत्काल हस्तक्षेप करें। उन्होंने जांच बिठाई जाने की भी मांग की थी। उन्होंने लिखा था-यहां जीवन असुरक्षित है।

1 जून 1949 को भारत का अंग बना था भोपाल

तार मिलने के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने नवाब को संदेश भेजा था- भोपाल स्‍वतंत्र नहीं बन सकता और इसे मध्य भारत का हिस्सा बनना होगा। प्रदर्शनों के बावजूद नवाब नहीं माना। उसने 29 जनवरी 1949 को मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर सारे अधिकार अपने हाथ में लिए थे। वैसे, भोपाल प्रदर्शन और सरदार पटेल के दबाव के बाद नवाब हमीदुल्लाह खान ने 30 अप्रैल 1949 को विलीनीकरण पत्र पर हस्ताक्षर किए और 1 जून 1949 को भोपाल भारत का अंग बना था।

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