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Corona संक्रमण की आहट के बीच इस जिले के सिविल अस्पताल में मॉक ड्रिल | हर तरह की कोविड की स्थिति से निपटने के लिए तैयार

Corona संक्रमण की आहट के बीच इस जिले के सिविल अस्पताल में मॉक ड्रिल

Corona संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर जहां स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। वहीं, अब स्वास्थ्य विभाग ने Corona संक्रमण से निपटने के लिए सारंगपुर के शासकीय सिविल अस्पताल में मॉक ड्रिल की है। इसमें व्यवस्था व उपलब्ध संसाधनों को देखा गया। मॉक ड्रिल का उद्देश्य कोरोना के प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की परिचालन तत्परता सुनिश्चित करना है। प्रदेश में भी लगातार Corona मरीज की संख्या बढती जा रही है, हालांकि सारंगपुर क्षेत्र में अभी एक भी मरीज नहीं है।

Corona मॉक ड्रिल के दौरान सिविल अधीक्षक डॉ. मनीष चौहान एवं स्वास्थ्य अमले के डॉक्टर भी मौजूद रहे और उन्होंने भी व्यवस्थाएं देखी। सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मनीष चौहान ने कि मॉक-ड्रिल में कोविड-19 संक्रमितों के प्रबंधन के लिये आपातकालीन प्रक्रिया के संभावित रोगियों की स्क्रीनिंग, स्वास्थ्य परीक्षण, सेम्पल संग्रहण, आईसोलेशन वार्ड, भर्ती के दौरान रोगियों के लिये ऑक्सीजन की उपलब्धता, वेंटिलेटर तथा उपचार के लिये आवश्यक औषधियों की उपलब्धता आदि की प्रक्रिया को परखा गया। साथ ही ऑक्सीजन कन्सेंट्रेटर, कोविड आइसोलेशन कार्ड, ऑक्सीजन पीएसए प्लांट की वर्किग की जांच की गई और प्लांट चलाकर बैड पर सीधे ऑक्सीजन पहुंचा कर देखी गई।

Corona इन व्यवस्थाओं की की गई समीक्षा

मॉक-ड्रिल में रोगियों के उपचार के लिए चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मचारियों एवं कोरोना से निपटने के लिए आवश्यक मानव संसाधन की उपलब्धता की भी समीक्षा की गई। संभावित रोगियों को एंबुलेंस से चिकित्सालयों में रेफरल एवं एंबुलेंस में स्टॉफ की व्यवस्था, एंबुलेंस से लेकर चिकित्सालय तक स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए पीपीई किट, मास्क एवं ग्लब्स आदि की व्यवस्था को भी मॉक-ड्रिल में जांचा गया।

Corona स्वास्थ्य सुविधाओं को परखा गया

डॉ. चौहान ने बताया कि देश-प्रदेश बढते कोरोना संक्रमण के मामले को लेकर का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। इस वैश्विक महामारी से निपटने की व्यवस्थाओं को परखने के लिए अस्पताल में मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। इसमें ठीक उसी प्रकार स्वास्थ्य सुविधाओं को परखा गया, कंट्रोल रूम को पॉजिटिव मरीज के मिलने की सूचना मिलती है। मॉक ड्रिल के दौरान कंट्रोल रूम को मरीज की सूचना मिलते ही सिविल अस्पताल से एम्बुलेंस मौके के लिए रवाना हुई और मरीज को लेकर सिविल अस्पताल पहुंची। पीपीटी किट से लैस मेडिकल स्टाफ स्ट्रेचर लिए मौजूद रहे। कोविड मरीज को अस्पताल परिसर में प्राथमिक उपचार के तौर पर पहले शरीर का तापमान, पल्स रेट, ब्लड प्रेशर और ऑक्सीजन लेवल चेक किया गया। बाद में कोविड मरीज की गंभीरता को देखते हुए तत्काल उसे आईसीयू वार्ड में पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों की टीम ने कोविड से जुडे जरूरी इलाज दिया।

मॉकड्रिल को लेकर क्या कहते हैं अधिकारी

डॉ. चौहान ने बताया कि सबसे पहले हमारे फीवर क्लीनिक में जब कोई कोविड का केस आएगा तो उसके कंडीशन के आधार पर एंबुलेंस की मदद से कोविड अस्पताल लाया जाएगा। फिर उसका जांच कर उसे उचित चिकित्सा मुहैया कराया जाएगा. सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट एक्टिव है जिससें 50 ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था की गई है। हमारे पास 32 कन्सेंट्रेटर, 25 छोटे-बड़े ऑक्सीजन सिलिंडर, 18 प्लस मशीन, 12 टेंप्रेचर मशीन और मानव संधान में 6 डॉक्टर, 28 नर्से सहित अन्य स्टाप मौजूद है।

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