अमृतसर। अमृतसर बार्डर सिक्योरिटी फोर्स के खासा हेडक्वार्टर में रविवार सुबह ड्यूटी से नाराज एक जवान ने अपने ही साथियों पर फायरिंग कर दी। अपने साथियों पर फायरिंग करने के बाद जवान ने खुद को भी गोली मार ली। गोलीबारी में आरोपी समेत चार जवानों की मौत हो गई है। हालांकि इस संबंध में बल के अधिकारी किसी भी तरह की जानकारी नहीं दे रहे हैं। सीमा सुरक्षा बल ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। फायरिंग करने वाले जवान की पहचान बटालियन 144 के कॉन्स्टबेल सत्यप्पा एसके के रूप में हुई है। फायरिंग की वजह ड्यूटी का विवाद बताया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, खासा स्थित बीएसएफ हेडक्वार्टर की मेस में बटालियन 144 के जवान नाश्ता कर रहे थे। इस दौरान बटालियन 144 के कॉन्स्टेबल सत्यप्पा एसके गुस्से में तमतमाते हुए आया और अंधाधुंध फायरिंग करने लगा। बताया गया है कि सत्यप्पा ड्यूटी को लेकर नाराज चल रहा था। इस घटना से हेडक्वार्टर में हड़कंप मच गया। मेस में गोलियां चलाकर सत्यप्पा ने अपने 4 साथियों को मौत के घाट उतार दिया, जबकि एक जवान राहुल गंभीर घायल हो गया। सत्यप्पा इतने पर भी नहीं रुका। अपनी सर्विस कम्बाइन लेकर मेस से बाहर भागा और लगातार गोलियां चलाता गया।
अंत में पकड़े जाने के डर से सत्यप्पा ने खुद को भी गोली मार ली। चार जवानों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई, जबकि कॉन्स्टेबल सत्यप्पा और 1 अन्य घायल जवान को आनन-फानन में अस्पताल लाया गया। सत्यप्पा ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। गुरु नानक देव अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं दूसरे घायल कॉन्स्टेबल का इलाज अभी चल रहा है, लेकिन हालत गंभीर बनी हुई है।
घायल जवान राहुल की मां उमा देवी भी गुरु नानक देव अस्पताल पहुंच गईं। उसके आंसू थम नहीं रहे। उमा देवी ने बताया, ‘सत्यप्पा हर जगह पागलों की तरह फायरिंग कर रहा था। जो भी उसके सामने आया, उसको भूनता गया। मेरे बेटे राहुल को भी गोलियां लग गईं।’ मौके पर मृतक जवानों के परिजन और बीएसएफ के आलाधिकारी पहुंच गए हैं। पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल बीएसएफ के अधिकारी इस पूरी घटना पर चुप्पी साधे हुए हैं।
आईजी बॉर्डर आसिफ जलाल गुरु नानक देव हस्पताल में घायल जवान निहाल सिंह और राहुल का हाल चाल जानने के लिए पहुंचे। इस दौरान आईजी ने कहा की कोई आपसी रंजिश जा गुटबाजी नहीं है। मामले की जांच चल रही है और जो घायल हुए हैं, उनकी हालत खतरे से बाहर है। बता दें कि आईजी के दौरे के बाद ही घायल राहुल को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी।