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उज्जैन में डॉक्टर हनुमान भक्तों का कर रहे इलाज, भभूति खाने से मिल रहा आराम

उज्जैन में डॉक्टर हनुमान भक्तों का कर रहे इलाज

मध्यप्रदेश के भिंड जिले के मेहगांव मार्ग और उज्जैन के उजडखेडा में डाक्टर हनुमान का प्रसिद्ध मंदिर है।

मध्यप्रदेश के भिंड जिले के मेहगांव मार्ग और उज्जैन के उजडखेड़ा में डाक्टर हनुमान का प्रसिद्ध मंदिर है। उजड़ खेड़ा क्षेत्र में विराजमान होकर डॉक्टर हनुमान अपने भक्तो का ईलाज कर रहें है। इस मंदिर की एक खास बात ये है कि यहां हजाराें भक्त अपनी जानलेवा बिमारियों का इलाज कराने आते हैं। बतातें है कि यहां कैंसर के मरीज भी अपना इलाज कराने आते है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर के हनुमान स्वयं अपने एक भक्त का इलाज करने डॉक्टर बनकर यहां आए थे। हनुमान जिसका इलाज करने यहां आए थे वह एक साधु था। लंबे समय से उसको कैंसर था।

बतादे कि मध्यप्रदेश के भिंड जिले के मेहगांव-मौ मार्ग स्थित प्रसिद्ध ददरौआ धाम में डॉक्टर हनुमान जी विराजमान है अब प्रदेशभर में कई स्थानों पर डॉक्टर हनुमान जी के मंदिर बन रहे है। उज्जैन के उजड़खेड़ा सिहस्थ क्षेत्र में भी भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है। बताया जाता है कि डॉक्टर हनुमान श्रद्धालुओं की बड़ी सी बड़ी बीमारी को हर लेते हैं इसीलिए प्रतिदिन भक्तों का मेला अपनी पीड़ा दूर करने के लिए लगा रहता है। ददरौआ धाम के महंत श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर रामदास जी महाराज का आशीष पाने के लिए अनेक भक्त नियमित रूप से ददरौआ धाम आते है। उज्जैन और ददरौआ धाम में डाक्टर हनुमानजी सखी रूप में विराजमान हैं। जो सदैव ही श्रृद्धालुओं की मानसिक व शारीरिक पीड़ा को अपनी दिव्य कृपा से हरते रहते हैं। पुजारी मनीष दास ने बताया कि मंगलवार और शनिवार को पांच परिक्रमा करने से सभी दोषों का निवारण होता है। भगवान की भभूति खाने से शरीर की सारी पीड़ा दूर होती है।

1 घंटे के बाद ही मिला रहा है आराम

महाराष्ट्र से आए श्रद्धालु श्याम पाटिल बीपी और शुगर से पिछले कई सालों से परेशान है। कई डॉक्टर को दिखाने के बावजूद बीमारी दूर नहीं हुई। सोशल मीडिया और लोगों से जानकारी मिलने के बाद वह उज्जैन के डॉक्टर हनुमान मंदिर पर पहुंचे जहां पर उनके यज्ञ को भभुति दी गई। करीब एक 1 घंटे धाम में रहने के बाद काफी आराम महसूस कर रहे हैं।

बुढ़वा मंगल के नाम से प्रसिद्ध

बताया जाता है कि दशरथ के पुत्र राम की धर्मपत्नी सीता जी को जब रावण हर ले गया। हनुमान जी ने समुद्र लांघकर रावण की लंका में अशोक वाटिका में बैठी सीता का पता लगाया। इसके बाद माता से विदाई लेकर श्रीराम से भेंट की। उस दिन भाद्रपद मास का अंतिम मंगलवार था। इससे सभी को प्रसन्नता हुई। देवताओं ने भी उनका स्वागत किया। तभी से यह दिन बुढ़वा मंगल के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

भभूति खिलाकर मिला आराम

डॉक्टर हनुमान का चमत्कार सुनकर वृंदावन के श्रद्धालु पिछले कई सालों से पेट की समस्या को लेकर आए हैं। अब तक 50 और डॉक्टर से इलाज करवा चुके श्रद्धालुओं ने बताया कि डॉक्टर हनुमान के बारे में सुना था आज उनके दर्शन हुए हैं पेट की बीमारियों से कई सालों से परेशान डॉक्टर के इलाज कराने के बावजूद अब तक कोई फर्क नहीं पड़ा है धाम से भभूति खिलाई गई है जिससे 1 घंटे में ही आराम मिल रहा है।

डॉक्टर भी पहुंचते हैं धाम पर

मध्यप्रदेश के भिंड जिले के मेहगांव-मौ मार्ग स्थित प्रसिद्ध ददरौआ धाम के बाद अब डॉक्टर हनुमान उज्जैन मैं भी अपने भक्तों का इलाज कर रहे हैं वक्त अपनी पीड़ा को लेकर धाम पर पहुंच रहे हैं मरीजों के अलावा डॉक्टर भी धाम पर पहुंचे उन्होंने भगवान से कामना की है कि वह खुद भी स्वस्थ रहें और लोगों का इलाज भी अच्छे से कर सके।
उज्जैन के डॉक्टर हनुमान खासकर शनिवार और मंगलवार को उनकी भक्तों पर विशेष कृपा दृष्टि करते है। इसमें भी भाद्रपद मास के अंतिम मंगलवार को तो धाम में विराजे श्री हनुमानजी भक्तों पर परमकृपा करते हैं।अपनी जानलेवा बिमारियों का इलाज कराने आते हैं। हनुमानजी भक्तों पर परमकृपा करते हैं।

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