अजनाला पुलिस थाने पर हमले के मामले में शनिवार को पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पूरे राज्य में अभियान चलाया। हालांकि, पहले खबर आई थी कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। फिर देर शाम पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि अमृतपाल समेत कई अब भी फरार हैं। उनकी तलाश में अभियान चलाया जा रहा है। वहीं 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। कई जगह सर्च ऑपरेशन जारी है। अब तक 78 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
अमृतसर। पंजाब पुलिस ने शनिवार को पूरे राज्य में खालिस्तान समर्थक वारिस पंजाब दे से जुड़े लोगों के खिलाफ आॅपरेशन चलाया। अब तक 78 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने रात को प्रेस नोट जारी करके बताया कि संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई है, उनकी तलाश जारी है। हालांकि दोपहर में सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि करीब डेढ़ घंटे पीछा करने के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
इस बीच माहौल बिगड़ने की आशंका के चलते पंजाब में 24 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। राज्य में रविवार दोपहर 12 बजे तक मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाएं बंद रहेंगी। समूचे पंजाब में पुलिस-प्रशासन अलर्ट पर है। देर रात पंजाब में सरकारी बस सेवाएं भी दो दिन के लिए बंद कर दी गईं। अमृतसर, फाजिल्का, मोगा और मुक्तसर समेत कई जिलों में धारा 144 लगा दी गई है। हालांकि इसकी वजह 19 और 20 मार्च को अमृतसर में होने वाला जी 20 देशों का सम्मेलन बताया जा रहा है। उधर, अमृतपाल के समर्थकों ने कार्रवाई के विरोध में मोहाली में प्रदर्शन शुरू कर दिया। यहां चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर रैपिड एक्शन फोर्स तैनात कर दिया गया।
पंजाब की सीमाएं सील
हिमाचल और जम्मू-कश्मीर से लगती पंजाब की सीमा को सील कर दिया गया है। वहीं, अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद उसके समर्थकों ने आनंदपुर साहिब में ऊना-चंडीगढ़ मार्ग, बरनाला-फरीदकोट हाईवे और मोहाली में एयरपोर्ट रोड पर जाम लगा दिया। अमृतपाल के पैतृक स्थान अमृतसर के गांव जल्लूपुर खेड़ा के पास सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है।
भागते हुए का वीडियो वायरल
अमृतपाल का कार में बैठकर भागते हुए का एक वीडियो भी सामने आया। कार में उनके एक सहयोगी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि पुलिसकर्मी भाई साब (अमृतपाल) के पीछे थे। एक अन्य समर्थक ने एक वीडियो साझा किया जिसमें वह दावा कर रहा था कि पुलिसकर्मी उसका पीछा कर रहे हैं।
रात में पुलिस ने कर ली थी पूरी तैयारी
शनिवार को अमृतपाल सिंह ने शाहकोट-मलसियां इलाके और बठिंडा जिले के रामपुरा फूल में कार्यक्रम रखे थे। शाहकोट-मलसियां इलाके में उसके प्रोग्राम के लिए समर्थक सुबह से जुटने लगे थे। पुलिस की तरफ से शुक्रवार रात को ही पुलिस लाइन में बैठकर सारा खाका तैयार कर लिया था कि कैसे कब और कहां अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करना है।
बुलेटप्रूफ ट्रैक्टर भी तैनात
उधर अमृतपाल की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही मोहाली में प्रदर्शन शुरू हो गया। यहां चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर लगे इंसाफ मोर्चा में मौजूद लगभग 150 निहंग नंगी तलवारें और डंडे लेकर सड़क पर उतर आए। मोहाली में शाम से एयरपोर्ट रोड जाम करके बैठे निहंगों के प्रदर्शन में भीड़ बढ़ती जा रही है जिसके बाद यहां रैपिड एक्शन फोर्स के अलावा बुलेटप्रूफ ट्रैक्टर भी तैनात कर दिया गया।
गृह मंत्री को दी थी धमकी
अजनाला थाने पर हमले के दौरान ही अमृतपाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धमकी दी थी। अमृतपाल ने कहा था कि शाह का हाल भी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसा होगा। 1984 में इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। बता दें कि शाह ने कुछ दिन पहले कहा था कि पंजाब में खालिस्तान समर्थकों पर हमारी कड़ी नजर है।
दिसंबर से शुरू हुई अंकुश की तैयारी
दिसंबर में गृहमंत्री अमित शाह नें सभी राज्यों के डीजीपी की मीटिंग ली थी। इस मीटिंग में पंजाब के डीजीपी गौरव यादव की तरफ से एक प्रेजेंटेशन दी गई थी। इसमें उन्होंने हथियार और नशे की तस्करी के अलावा खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के बारे में विस्तार से बताया था।
अमृतपाल का गांव घेरा, सेंट्रल फोर्स तैनात
अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के लिए पंजाब पुलिस ने अमृतसर जिले में रईया के पास पड़ते उसके गांव जल्लूपुर खेड़ा को भी घेर लिया। गांव में आने-जाने वाले हर व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है और गाड़ियों की तलाशी ली जा रही है। पंजाब पुलिस के अलावा जल्लूपुर खेड़ा के चारों तरफ सेंट्रल फोर्सेस के जवान भी तैनात कर दिए गए हैं।
अमृतपाल सिंह पर लग सकता है एनएसए
वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के लिए पंजाब सरकार बड़े एक्शन की तैयारी में है। अमृतपाल पर एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाया जा सकता है। एनएसए कानून का मतलब है कि किसी को भी 12 महीने तक गिरफ्तार रखा जा सकता है या फिर इस कानून के तहत 3-3 महीने के लिए गिरफ्तारी हो सकती है। अगर प्रशासन को लगता है कि उक्त शख्स की वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा है तो उस पर एनएसए कानून लगाया जा सकता है। पंजाब में कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए पुलिस की मदद के लिए अर्धसैनिक बलों की कंपनियों को अलर्ट पर रखा गया है।