Auto Insurance: Know How to Buy Car Insurance
Auto Insurance Policy: इंसान पहली गाड़ी खरीदने या 10वीं, उसकी सुरक्षा के बारे में जरूर सोचता है। उसका इंश्योरेंस कवर (Insurance Cover) लेता है। कई बार लोग बिना समझे या गहन जानकारी ले पॉलिसी लेते हैं और फंस जाते हैं। आज इस लेख में हम आपको ऑटो इंश्योरेंस से जुड़ी सभी जानकारी दे रहे हैं। इंश्योरेंस लेने के दौरान ग्राहक नहीं, स्मार्ट ग्राहक बनें।
गाड़ी के लिए एक से अधिक कंपनी के इंश्योरेंस की तुलना करें। गाड़ी में हर चीज एक सामान कवर (Cover) Read More
Auto Insurance Policy: जैसा की आपको बता है कि बाजार में कई तरह की इंश्योरेंस पॉलिसी है। मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी (Insurance Policy) में दो चीजें होती हैं। पहला थर्ड पार्टी लायबिलिटी (TP) जो दूसरों को पहुंचाए गए नुकसान की भरपाई करती है। ओन डैमेज (OD) जो खुद के वाहन के नुकसान (Loss) की भरपाई करता है। यहां TP कवर अनिवार्य है।
वहीं, OD कवर वैकल्पिक है। सुप्रीम कोर्ट की नई गाइडलाइन के लागू होने के बाद लॉन्ग टर्म इंश्योरेंस कवर लेना अनिवार्य है। इंश्योरेंस रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDA)ने इंश्योरेंस कंपनियों को नई गाड़ियों के लिए तीन साल के थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर को ऑफर करने के निर्देश दिए हैं। नए दो पहिया वाहनों के लिए पांच साल का कवर जरूरी है।
Auto Insurance: सिर्फ प्रीमियम नहीं देंखे (Less Premium is not Big Deal)
सबसे अहम बात है कि जब नए बीमाकर्ता की तलाश कर रहे हों तो केवल प्रीमियम के आधार पर न जाएं। उनकी सेवाओं और दावा भुगतान क्षमताका मूल्यांकन करें। दरअसल, शुरुआत में कम प्रीमियम (Less Premium) के कारण दूसरा बीमाकर्ता बेहतर विकल्प लग सकता है, लेकिन बाद में दावे के समय कई दिक्कतें आ सकती हैं। याद रखें कि क्लेम की राशि की तुलना में बीमे की लागत काफी कम होती है। ऐसे में एक अच्छे और नेकदिल वाले बीमाकर्ता की तलाश करें, जो आगे क्लेम का मौका पड़ने पर जीवन को आसान बना देगा।
Auto Insurance: एड-ऑन कवर का रखें ख्याल (Add On Covers)
इन मापदंडों के अतिरिक्त बीमा कंपनियों की विभिन्न सेवाओं और एड-ऑन कवर की खोज सही बीमाकर्ता चुनने में मदद करेगी। कैशलेस दावों के निपटान का लाभ उठाने के लिए बीमाकर्ता के नेटवर्क गैरेज को भी देखें। केवल नेटवर्क गैरेज की संख्या को न देखें, बल्कि उन गैरेज पर ध्यान केंद्रित करें, जो आपके नजदीक हैं या नियमित ड्राइविंग रूट में आते हैं।
Auto Insurance: कंपनी प्रतिनिधि से ही बात करें (Contact Support)
पॉलिसी पोर्ट करने के लिए बीमा कंपनी के किसी अधिकृत व्यक्ति से बात करें। कृपया सावधान रहें। आज ऐसे कई धोखेबाज हैं जो बीमा कंपनी के प्रतिनिधि होने का दावा करते हैं। प्रतिनिधि से व्यक्तिगत रूप से मिलना और उनके विवरण को खंगाल लेना सबसे अच्छा है। जब ऑनलाइन भुगतान करने की बात आती है, तो कृपया केवल बीमा कंपनी के अधिकृत प्लेटफॉर्म का उपयोग करके भुगतान करें।
Auto Insurance: Claim Process से जुड़ा ये सवाल पूछना जरूरी
इंश्योरेंस लेने के पीछे का मकसद होता है कि डैमेज की स्थिति में नुकसान की भरपाई हो जाए। मगर, अधिकतर लोगों को नुकसान होने पर इस सवाल का जवाब नहीं होता कि आखिर क्लेम कैसे लिया जाए? कभी ये सवाल खड़ा ना हो, इसलिए बेहतर है कि पॉलिसी लेते समय ये सवाल जरूर पूछें कि क्लेम प्रोसेसर क्या और कैसे करना है?
Auto Insurance: Claim Settlement Ratio देख लें
इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदें तो इसको जरूर चेक करें कि जिस कंपनी की पॉलिसी खरीद रहे हैं, उसका क्लेम सेटलमेंट रेशियो कितना है? यह बहुत जरूरी चीज है। जरा-सी चूक से बाद में तगड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। उस कंपनी की इंश्योरेंस लें, जिसका क्लेम सेटलमेंट रेशियो हाई हो। इससे क्लेम अप्रूव होने के चांस अच्छे रहते हैं।
Auto Insurance: कैसे करें शिफ्ट ? (How to Shift Your Insurance Policy)
एक बार जब आप फैसला ले लेते हैं कि किस बीमाकर्ता के पास जाना चाहते हैं तो बस उनके एजेंट से संपर्क करें। फिर प्रपोजल फॉर्म भरने की औपचारिकताएं पूरी करें। अपनी एक्टिव पॉलिसी या समाप्त हो चुकी पॉलिसी का भी विवरण शेयर करना होगा। पॉलिसी समाप्त हो गई है तो वाहन के निरीक्षण की जरूरत पड़ सकती है। वर्तमान बीमाकर्ता का डिटेल, पॉलिसी नंबर और आपके द्वारा किए गए किसी भी क्लेम का विवरण भरें। अपने वर्तमान नो-क्लेम बोनस (एनसीबी) का उल्लेख करें, ताकि दावा-मुक्त वर्ष (claim free year) मामले में एनसीबी का अगला स्लैब बढ़ाया जा सके। एनसीबी लाभों का आनंद लेना जारी रख सकेंगे।