साकार हुएं अनेक उपक्रम पहली बार
मोहनखेड़ा – अखिल भारतीय कोचेटा जैन महासंघ का दो – दिवसीय चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय महासम्मेलन मोहनखेड़ा में संपन्न हुआ।
यह महासम्मेलन कोचेटा महासंघ के तृतीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुनीलकुमारजी कोचेटा लातुर तथा महामंत्री श्री अॅड.जयेशजी कोचेटा पुना की उत्तम सुझबुझ एवं महत्वपूर्ण निर्णय से तथा कोषाध्यक्ष श्री सुरेश भाई कोचेटा बैंगलोर के आर्थिक नियोजन में अद्भुत, अ्व्दीतीय, अविस्मरणीय तथा ऐतिहासिक रहा।
किसी भी आयोजन में धन की अपेक्षा सर्वप्रथम रहतीं हैं। कोचेटा परिवार के चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय महासम्मेलन के आयोजन में स्वयं स्पृर्ती से अनेकों भाईयों ने विशेष सहयोगी, सहयोगी,बन कर अपने धन का सदुपयोग ले कर अपना कर्तव्य एवं भाईचारा निभाया वह सभी धन्यवाद के पात्र हैं।
उदघाटक श्री स्वप्निल जी कोठारी का वक्तव्य ने श्रोतागण को ओतप्रोत कर गया। श्री विजय जी मेहता तथा सिध्दार्थ जैन का मनोगत भी सराहनीय रहा।
युवा समिति अध्यक्ष श्री दर्शन कोचेटा पहुर तथा मंत्री श्री आनंद कोचेटा पुना के नियोजन से देशभर से आए युवक युवतियों ने अहोरात्र परिश्रम कर इस महासम्मेलन के आयोजन को सुनहरा बना दिया।
यातायात व्यवस्था समिति,आवास निवास समिति, रजिस्ट्रेशन व्यवस्था समिति,भोजन व्यवस्था समिति, माताजी शोभायात्रा समिति आदि ने अपना अपना कार्य अच्छे ढंग से तथा पुरी कर्तव्यता से निभाया।
तृतीय अंतरराष्ट्रीय महासम्मेलन नाकोड़ा में भाई श्री ओमप्रकाश जी कोचेटा पाली ने जिस तरह अकेले ने अपना अनमोल समय तथा श्रम देकर आयोजन सफ़ल किया ठीक उसी तरह चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय महासम्मेलन मोहनखेड़ा का पुरा सुंदर आयोजन में समय तथा श्रमदान भाई मनीष जी कोचेटा इंदौर का रहा। जो अति सराहनीय रहा।
इस चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय महासम्मेलन में अखिल भारतीय कोचेटा जैन महासंघ व्दारा श्री सुगनचंद कोचेटा (कोचेटा रत्न)संभाजीनगगर के कल्पना व्दारा इतिहास प्रदर्शनी पहली बार आयोजित कि गई। जिसका संकलन तथा कुछ शब्दांकन स्व.श्री संपतराजजी कोचेटा( कोचेटा रत्न) इंदौर ने किया था तथा कुछ संकलन शब्दांकन तथा प्रस्तुति श्री सुगनचंद कोचेटा लोणार/संभाजी नगर व्दारा की गई। जिसे देखने तथा समझनें वालों ने भूरी भूरी प्रशंसा की।
इस महासम्मेलन में पहली बार जैनाचार्य का उद्बोधन हुआ। जिन्होंने कोचेटा महासंघ के अबतक के चारों महासम्मेलन तीर्थस्थल में आयोजित करने कि प्रशंसा करते हुए देव गुरु एवं धर्म का जहां आशिर्वाद हो वह महासंघ जीवन में खुब प्रगति करता रहें ऐसा आशीर्वाद दिया। मोहनखेड़ा महातीर्थ के विश्वस्त मंडल ने आगामी महासम्मेलन जब भी हो तो जैन महातीर्थ माण्डवगढ़ में करें ऐसा अनुरोध किया।
इस चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय महासम्मेलन में श्री राजेश भाई कोचेटा जावरा व्दारा पहली बार विगत वर्षों में दिवंगत कोचेटा परिवार के भाई बहनों को टेलीविजन स्क्रीन पर उनकी फोटो देकर संक्षिप्त परिचय देते हुए श्रद्धांजलि का आयोजन किया गया।
अखिल भारतीय कोचेटा जैन महासंघ द्वारा सन् 2017 के तृतीय अंतरराष्ट्रीय महासम्मेलन नाकोड़ा में कोचेटा परिवार तथा महासंघ को प्रगति के शिखर पर बढ़ाने में सहायक भाईयों को कोचेटा परिवार की सर्वश्रेष्ठ उपाधि कोचेटा रत्न से सम्मानित करने का उपक्रम प्रारंभ किया गया। जिसमें 2017 में श्री नवरतनमलजी कोचेटा हैदराबाद, श्री भागचंदजी कोचेटा हैदराबाद, श्री संपतराजजी कोचेटा इंदौर, श्री सुगनचंद कोचेटा लोणार को कोचेटा रत्न उपाधी से सन्मानित किया गया था तथा श्री उगमचंदजी कोचेटा लातुर को मरणोपरांत कोचेटा रत्न उपाधी बहाल की गई थी।
कालचक्र के रचना में विगत वर्षों में श्री नवरतनमलजी कोचेटा हैदराबाद, श्री भागचंदजी कोचेटा हैदराबाद, श्री संपतराजजी कोचेटा इंदौर,का निधन हो गया।
इस चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय महासम्मेलन में श्री पदमराजजी कोचेटा बस्सी, श्री जसवंतसिंहजी कोचेटा कोटा, श्री किशोरचंदजी कोचेटा पहुर श्री सुजानमलजी कोचेटा जावरा को कोचेटा रत्न उपाधी से सन्मानित किया गया।
इस चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय महासम्मेलन मोहनखेड़ा महातीर्थ में उपस्थित सभी साधर्मिक भाई बहनों का अखिल भारतीय कोचेटा महासंघ व्दारा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुनीलकुमारजी कोचेटा लातुर ने आभार व्यक्त किया।
इस चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय महासम्मेलन में श्री पदमराजजी कोचेटा बस्सी, श्री जसवंतसिंहजी कोचेटा कोटा, श्री किशोरचंदजी कोचेटा पहुर श्री सुजानमलजी कोचेटा जावरा को कोचेटा रत्न उपाधी से सन्मानित किया गया।
इस चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय महासम्मेलन मोहनखेड़ा महातीर्थ में उपस्थित सभी साधर्मिक भाई बहनों का अखिल भारतीय कोचेटा महासंघ व्दारा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुनीलकुमारजी कोचेटा लातुर ने आभार व्यक्त किया।