भोपाल। भोपाल लोकायुक्त टीम ने सोमवार शाम को कार्रवाई करते हुए नायब तहसीलदार कार्यालय के दो क्लर्क को रिश्वत लेते रंगेहाथों दबोच लिया।
तहसील कार्यालय कोलार के रतनपुर वृत नायब तहसीलदार शिवांगी खरे के बाबू लक्ष्मी नारायण मिश्रा को 50 हजार रुपए, जबकि बैरागढ़ चिंचली वृत के नायब तहसीलदार आदित्य झंगाले के बाबू सौदान सिंह को 12 हजार रुपए जमीन नामांतरण के लिए रिश्वत लेते पकड़ा है। दोनों बाबूओं ने नायब तहसीलदार को रिश्वत पहुंचाने की बात कर रुपए मांगे थे। लोकायुक्त टीम नायब तहसीलदारों की भूमिका को लेकर भी जांच करेगी।
लोकायुक्त एसपी मनु व्यास ने बताया कि मिसरोद निवासी सचिन सेन ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त भोपाल में शिकायत की थी। उसने बताया था कि उनके परिचित ओमप्रकाश मीना व बबलू मीना कोलार के रहने वाले हैं। इन दोनों के फौती नामांतरण का प्रकरण उसने अपने परिचित वकील से दिलवाया था।
दोनों प्रकरण नायब तहसीलदार शिवांगी खरे की कोर्ट में 6 माह से लंबित थे। इन प्रकरण के आदेश निकालने के लिए नायब तहसीलदार के कार्यालय में पदस्थ बाबू लक्ष्मीनारायण मिश्रा नायब तहसीलदार को देने के नाम से एक फाइल के 50 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। बिना रिश्वत लिए फाइल पेंडिंग ही रख रहे हैं। शिकायत का सत्यापन एसपी मनु व्यास ने निरीक्षक रजनी तिवारी से करवाया। शिकायत सही पाए जाने पर टीम ने बाबू को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। सोमवार को फरियादी ने जैसे ही बाबू को 50 रुपए दिए टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।
भूमि नामांतरण के लिए रुपए मांगे
पटले सदन मिसरोद निवासी ओमप्रकाश पाटीदार 24 मार्च को लिखित शिकायत की गई कि वह खेती किसानी के अलावा वकालत की प्रेक्टिस करता है । मीना विष्ट निवासी नयापुरा कोलार की भूमि नामांतरण का केस आवेदक के माध्यम से वकील पंकज श्रीवास्तव ने नायब तहसीलदार बैरागढ़ चीचली आदित्य झंगाले के कार्यालय में लगवाया था।
बिष्ट की नामांतरण, फौती नामांतरण और बटान की फाइल इसी कार्यालय में पेंडिंग थी। इन फाइलों में नामांतरण आदेश कराने के एवज में नायब तहसीलदार झंगाले के कार्यालय में पदस्थ बाबू सौदान सिंह ने 15 हजार रुपए रिश्वत की मांग की जा रही है। सोमवार शाम करीब 5 बजे लोकायुक्त एसपी के निर्देशन में 10 सदस्यीय ट्रैप दल बैरागढ़ चीचली तहसील कार्यालय कोलार पहुंचा। आरोपी बाबू सौदान सिंह ( सहायक रीडर) को 12 हजार रुपए रुपए की रिश्वत लेते हुए दबोच लिया गया।