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Dhanteras 2022: धनतेरस कब है 22 या 23 अक्टूबर, जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व

नई दिल्ली: करवा चौथ के बाद लोग अब दिवाली के पांच त्योहारों की तैयारियों में जुटे हुए हैं. त्योहारों का ये मौसम धनतेरस से शुरू होकर भैया दूज पर समाप्त होता है. धनतेरस को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. यह त्योहार दीपावली से दो दिन पहले पड़ता है. दिवाली इस बार 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी. इस लिहाज से धनतेरस 22 अक्टूबर को पड़ रहा है. लेकिन उदया तिथि की वजह से लोग 22 और 23 अक्टूबर को लेकर कंफ्यूज हैं.

इस बार दीप पर्व का पहला दिन यानी कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनने वाली धनतेरस दो दिन 22 और 23 अक्टूबर को मनेगी। शुभ संयोग यह भी है कि खरीदी के लिए दोनों दिन शुभ हैं। प्रख्यात ज्योतिषविद् और पंचांगकर्ता पं. आनंदशंकर व्यास के अनुसार धनतेरस का महत्व यम के निमित्त दीपदान का है।

यह शाम को प्रदोषकाल में होता है। तेरस प्रदोषकाल में 22 की शाम को रहेगी। इसलिए दीपदान 22 को ही होगा। हालांकि धन्वंतरि पूजन 23 को किया जा सकेगा। खास बात यह भी है कि 5 दिनी दीपावली पर्व इस बार 6 दिन का है। 25 को सूर्य ग्रहण के कारण कोई पर्व नहीं मनेगा।

ज्योतिषविद् चंदन गुरु व्यास के अनुसार तेरस 22 अक्टूबर की दोपहर 3.03 बजे से 23 की शाम 5.20 बजे तक रहेगी। फिर चतुर्दशी शुरू होगी। ज्योतिषविद् पं. विनोद शास्त्री का कहना है कि भगवान धन्वंतरि का जन्म मध्यान्ह में हुआ था, इसलिए धन्वंतरि पूजन 23 को होगा। राष्ट्रीय ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर शास्त्री के अनुसार धनतेरस पर दोनों दिन खरीदी शुभ है। इस दिन सोना, चांदी, वाहन, जमीन समेत अन्य खरीदी की जा सकती है।

दीपावली : शाम 6 बजे बाद मनेगी

पं. विनोद शास्त्री के अनुसार, अमावस्या प्रदोषकाल में 24 अक्टूबर को है। इसलिए महालक्ष्मी पूजन 24 की रात ही किया जाएगा। चतुर्दशी 23 अक्टूबर की शाम 5.20 से शुरू होकर 24 अक्टूबर को शाम 6 बजे तक है। इसके बाद अमावस्या शुरू होगी। यानी दीपावली पर महालक्ष्मी पूजन शाम 6 बजे के बाद ही हो सकेगा।

गोवर्धन पूजा : ग्रहण के चलते 25 को नहीं

ज्योतिषविद् पं. मनीष शर्मा के अनुसार, दीपावली के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण है। इसका सूतक काल सूर्योदय से ही शुरू हो जाएगा। इसलिए इस दिन कोई धार्मिक कर्म नहीं होंगे। ग्रहण सूर्यास्त के बाद समाप्त होगा, इसलिए सूतक काल 26 अक्टूबर को सूर्योदय तक रहेगा। सूर्योदय के बाद ही सूतक समाप्त होगा। इसलिए गोवर्धन पूजा, अन्नकूट 26 अक्टूबर को होंगे।

भाई दूज : 27 को मनाई जाएगी

ज्योतिषविद् चंदन गुरु व्यास का कहना है 26 को ग्रहण का सूतक समाप्त होने पर गोवर्धन पूजा, अन्नकूट आदि आयोजन होंगे। 27 अक्टूबर को भाईदूज मनाई जाएगी। इस तरह दीपावली के पंच पर्व धनतेरस, रूप चतुर्दशी, महालक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाई दूज 6 दिन में पूरे होंगे।

भगवान के जन्म के समय के ग्रहों की स्थिति

धनतेरस पर धन के कारक गुरु और स्थायित्व के कारक शनि स्वयं की राशि क्रमश: मीन व मकर में गोचर हो रहे हैं। इससे पहले यह संयोग 178 साल पहले की धनतेरस यानी 8 नवंबर 1844 को बना था।

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