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भुला दी गई आयुष जीवनचर्या की तरफ ही लौटना पड़ेगा- विधायक शर्मा | आयुष मेले में 838 रोगियों का किया उपचार

भुला दी गई आयुष जीवनचर्या की तरफ ही लौटना पड़ेगा- विधायक शर्मा

आयुष भारत की सबसे प्राचीन, लोकप्रिय, परंपरागत, सस्ती और कारगर चिकित्सा पद्धति,

विजेंद्र उपाध्याय/देवास – आयुष भारतीय समाज की सबसे पुरानी, लोकप्रिय परंपरागत, सस्ती, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध तथा कारगर चिकित्सा पद्धति है। हमने आज के दौर में इस अनमोल विधा को भुला दिया हैं। यदि हमें अपने पर्यावरण को साफ-सुथरा बनाना है तो फिर से आयुष की तरफ लौटना पड़ेगा और अपनी जीवन शैली में यथोचित बदलाव करना पड़ेगा।

यह बात कन्नौद में आयुष मेले का शुुभारंभ करते हुए विधायक आशीष शर्मा ने कहीं। इस अवसर पर नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि राधेश्याम जाट, पूर्व विधायक ब्रजमोहन धूत, भगवान सिंह चूड़ावत, पार्षद संजय शर्मा, दिलीप यादव, विशाल भावसार, राधेश्याम खत्री तथा बीएमओ डॉ. लोकेेश मीणा भी मंच पर उपस्थित थे।

संचालन करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता पुष्पेन्द्रसिंह राठौर ने कहा कि नए चलन के मोह में आकर हमने जबसे अपनी जीवन शैली आधुनिक कर ली है, तब से ही हमें बीमारियों के साथ जलवायु परिवर्तन जैसे संकटों का सामना करना पड़ रहा है। आयुष मेले में अतिथियों का स्वागत डॉ. नेहा कोहली, डॉ. भंवरसिंह कालेन, डॉ. आलोक जैन, डॉ. पारस जैन, डॉ. विजय मालवीय तथा डॉ. सैयद साकिब ने किया। डॉ श्रुुति शांडिल्य ने आभार माना। दिलीप पवार, सत्य प्रकाश शाक्य, कमलेश गुर्जर, महेन्द्रसिंह चौहान, अंतिम विश्वकर्मा तथा राकेश गुर्जर ने मरीजों को औषधि का वितरण किया।

आयुष मेले में मोटे अनाज सहित स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थो की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। ग्रामीणों को मेले में इस बात की विस्तार से जानकारी दी गई कि वे कैसे अपने जीवन जीने के तरीकों तथा खान पान की आदतों में सुधार कर स्वस्थ रह सकते हैं ओर अपने पर्यावरण को भी सुरक्षित रख सकते हैं।

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