शिक्षक के इकलौते बेटे ने खुद पर तारपीन का तेल डाल लगाई आग
लखनऊ । राजधानी के दुबग्गा थानाक्षेत्र अंतर्गत महिपत मऊ इलाके में मंगलवार दोपहर करीब दो बजे शिक्षक के इकलौते बेटे दिलशाद अंसारी ने घर में आत्मघाती कदम उठा लिया। दिलशाद ने घर में खुद पर तारपीन का तेल उडे़ल कर आत्मदाह करने का प्रयास किया है। उसकी चीख-पुकार सुनकर बहनों ने पड़ोसियों को बुलाया। जिसके बाद पड़ोसियों ने दिलशाद को बचाने का प्रयास किया। सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने दिलशाद को नजदीकी अस्पताल में पहुंचाया, लेकिन हालत नाजुक होता देख डॉक्टरों ने उसे मेडिकल कालेज रेफर कर दिया है। जहां उसका इलाज चल रहा है। सहायक पुलिस आयुक्त काकोरी शकील अहमद ने बताया कि महिपत मऊ शिफा अस्पताल के पीछे दिलशाद अपनी दो बहनों के साथ रहता है। मंगलवार दोपहर करीब दो बजे दिलशाद ने घर की दूसरी मंजिल पर बने कमरे में खुद पर तारपीन का तेल उड़ेल कर आग लगा ली। उसकी चीख-पुकार सुनकर बहनें कमरे में पहुंची। जिसके बाद भाई की हालत को देखकर बहनों ने पड़ोसियों को बुलाया। पड़ोसियों ने उस पर कंबल डालकर बचाया, लेकिन तब तक दिलशाद आग में काफी झुलस चुका था। उसके बाद पड़ोसियों ने फौरन पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना दी। जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने दिलशाद को नजदीकी अस्पताल में पहुंचाया। जहां से उसे केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में रेफर कर दिया।
दुबग्गा प्रभारी निरीक्षक अभिनव वर्मा ने बताया कि बहन सदफ अंसारी से पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि पिता यहय्या अंसारी मलिहाबाद तहसील के एक प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। उनके मां-बाप मलिहाबाद में रहते हैं। वह अक्सर बच्चों से मिलने आते-जाते हैं। प्रथम दृष्टया में दिलशाद नशे का आदी है। वह बहनों के साथ मकान के दूसरे तल पर रहता था। इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद दिलशाद ने पढ़ाई छोड़ दी थी। बहन सदफ ने बताया कि पिता यहय्या अंसारी ने सोमवार को कामकाज के लिए दिलशाद को दोस्त के पास भेजा था। मंगलवार को सुबह घर का कुछ सामान लाने के बाद दिलशाद ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था। इसके बाद उनसे आत्मघाती कदम उठा लिया। प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि दिलशाद ने आत्मघाती कदम क्यों उठाया, इसके पीछे की वजह सामने नहीं आई है। फिलहाल, पुलिस मामले की तस्दीक कर रही है।