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युवा चेहरों को नगरीय निकाय चुनाव में मिलेगा मौका

भोपाल। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और विधायक कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉक्टर विक्रांत भूरिया युवक कांग्रेस के नए कप्तान चुने गए। उनकी इस जीत के कई सियासी मायने हैं। उपचुनाव में भाजपा के खिलाफ मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में नए सिरे से संगठन को खड़ा करने की जद्दोजहद नजर आ रही है। पार्टी के अंदर से भी युवाओं को मौका देने की बात बुलंद हो रही है। बेटे की जीत के बाद खुद भूरिया ने भी इसी बात के संकेत दिए हैं। ऐसे में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के दौरान अगर युवक कांग्रेस के कई पदाधिकारियों को पार्टी टिकट देती है, तो इस पर शायद ही किसी को हैरानी हो।

विक्रांत भूरिया के रूप में मिला नया कप्तान

मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस को डॉक्टर विक्रांत भूरिया के रूप में नया कप्तान मिल गया। छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय विक्रांत की इस जीत के बाद पार्टी में नए सिरे से युवाओं को आगे बढ़ाने की बात उठ रही है। खुद राष्ट्रीय स्तर के नेता भी इस बात की पुरजोर वकालत कर रहे हैं। कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सज्जन सिंह वर्मा भी उपचुनाव में पार्टी को मिली हार के बाद से ही सेकेंड लाइन तैयार करने की बात पर जोर दे रहे हैं। इसके लिए उन्होंने आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में युवाओं को मौका देने की बात कही है।

खुद विक्रांत के पिता और वर्तमान में झाबुआ से विधायक कांतिलाल भूरिया ने भी यही बात कही। शुक्रवार को युवक कांग्रेस चुनाव का नतीजा आने के बाद भूरिया ने कहा कि प्रदेश के युवाओं ने विक्रांत पर भरोसा जताया है। हमारे सामने भाजपा का मुकाबला करने की बड़ी चुनौती है। ऐसे में पार्टी आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में युवाओं को मौका देगी। इससे पार्टी का संगठन तो मजबूत होगा ही नया नेतृत्व भी तैयार होगा।

छात्र राजनीति से निकले हैं कांग्रेस के दिग्गज

युवक कांग्रेस चुनाव में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रहे विवेक त्रिपाठी का भी मानना है कि पार्टी को नगरीय निकाय में युवाओं को मौका देना चाहिए। ताकि भविष्य के लिए नया नेतृत्व तैयार किया जा सके। प्रदेश के ज्यादातर बड़े कांग्रेस नेता छात्र राजनीति से ही निकले हैं। इसमें सज्जन सिंह वर्मा, अश्विन जोशी जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

ऐसे में अगर पार्टी आगामी निकाय चुनाव में युवाओं को मौका देती है, तो भाजपा को कड़ी टक्कर मिलेगी। इंदौर युवक कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष रमीज खान का भी मानना है कि आने वाले वक्त में युवक कांग्रेस के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। अगर पार्टी निकाय चुनाव में युवाओं को मौका देती है, तो हम एकजुट होकर भाजपा को नगर निगम से उखाड़ फेकेंगे और कांग्रेस की परिषद लाएंगे।

विधानसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस के पास नगरीय निकाय चुनाव में खोई साख पाने का मौका है। अगर पार्टी अंदरूनी गुटबाजी से अलग हटकर निकाय चुनावों के लिए युवा चेहरों को मौका देती है, तो भाजपा को चुनौती पेश कर सकती है।

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