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Yellow Fungus: ब्‍लैक और वाइट के बाद देश में यलो फंगस की दस्तक, जानिए कितना है खतरनाक और क्या है उपचार

Yellow Fungus: कोरोना की भीषण महामारी से देश राहत की ओर कदम बढ़ा ही रहा था कि उसके साइड इफेक्ट्स अब सामने आने लगे हैं। कोरोना वायरस से मुकाबला करने के लिए दी गई दवाई से बलैक फंगस और वाइट फंगस के मामले तो पहले ही सामने आ गए थे, लेकिन अब येलो फंगस ने भी दस्तक दे दी है। इस घातक बीमारी का असर अब लोगों में देखने में आ रहा है।

गाजियाबाद में मिला मरीज

देश में यलो फंगस का पहला मामला राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर में देखने को मिला है। गाजियाबाद में जिस मरीज में यलो फंगस के लक्षण पाए गए हैं उसकी उम्र सिर्फ 34 साल है। मरीज कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुका है, लेकिन वह डाइबिटीज से भी पीड़ित है। विशेषज्ञ यलो फंगस (Yellow Fungus) को ब्‍लैक फंगस (Black Fungus) और व्‍हाइट फंगस (White Fungus) से भी ज्यादा खतरनाक बता रहे हैं।

शरीर को अंदर से करता है कमजोर

यलो फंगस (Yellow Fungus) से पीड़ित मरीज का शरीर अंदर से कमजोर होता है। इसके मरीज को सुस्‍ती होना, भूख कम लगना या फिर बिल्‍कुल भूख खत्‍म होने की शिकायत रहती है. फंगस का असर जैसे जैसे बढ़ता है मरीज का वजन तेजी से कम होने लगता है। यदि इस दौरान किसी को घाव है तो उसमें से मवाद रिसने लगता है और वह बहुत मुश्किल से ठीक होता है। इस बीामरी में मरीज की आंखें धंस जाती हैं और गंभीर होने पर कई अंग काम करना बंद कर देते हैं।

साफ-सफाई का रखें ख्याल

यलो फंगस (Yellow Fungus) क्यों होता है तो इस संबंध में विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी मुख्य वजह गंदगी है। इसलिए घर के अंदर और उसके आसपास स्वच्छता का खास ख्याल रखना चाहिए। सफाई के जरिए इसके बैक्‍टीरिया या फंगस को दूर रख सकते हैं। यदि किसी मरीज में इस तरह के लक्षण पाए जाते हैं तो इसको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, जिससे समय रहते इलाज शुरू कर बीमारी को काबू में किया जा सके। इसका एकमात्र इलाज amphoteracin b इंजेक्शन है. जो एक ब्रॉड स्पेक्ट्रम एंटीफ़ंगल है।

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