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विश्व के सबसे बड़े चुंबक का हुआ निर्माण, ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए धरती पर बनाएगा सूर्य

France: फ्रांस में लंबे समय से दुनिया की ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर कार्य किया जा रहा है। इस योजना के तहत एक ऐसे चुंबक का निर्माण किया गया है, जो एक हवाई जहाज को ऊपर उठाने में भी सक्षम है।

बन रहा है धरती पर सूर्य

फ्रांस भविष्य की ऊर्जा जरूरतों के लिए एक ऐसी मशीन को बना रहा है, जिसको ‘धरती का सूर्य’ कहा जा रहा है। यह मशीन धरती पर बड़ी मात्रा में फ्यूजन एनर्जी पैदा करेगी। इसके लिए चुंबक को बनाया गया है, जिसका नाम सेंट्रल सोलेनॉयड है। इस मशीन के आगे का निर्माण जनरल एटॉमिक्स में किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर यह कंपनी पिछले करीब 10 सालों से काम कर रही है और इसमें कई देशों का पैसा लगा हुआ है। अमेरिका के कैलिफोर्निया में चल रहे इस प्रोजेक्ट को हाल ही में फ्रांस शिफ्ट किया गया है।

17 खरब रुपये का होगा खर्च

इस मशीन को ITER यानि इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर कहा जाता है। यह फ्यूजन आधारित बिजली के उत्पादन के लिए लंबे समय तक फ्जूयन को बनाए रख सकेगी और इंटीग्रेटेड टेक्नोलॉजी, मैटेरियल और फिजिक्स का परीक्षण कर सकेगी। इस मशीन के निर्माण में करीब 17 खरब रुपये का खर्च आ रहा है। साथ ही इसके उपयोग से डियोएक्टिव कचरा और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन नहीं होगी। यह मशीन एक किलो ईंधन से 1500 मेगावाट बिजली तैयार करेगी।

2025 में होगा प्लाज्मा तैयार

इस महात्वाकांक्षी योजना के लिए दुनिया के तकनीक के महारथी देश मदद कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि साल 2025 में इसमें पहली बार प्लाज्मा तैयार किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत प्लाज्मा को 150 मिलियन डिग्री सेल्सियस पर गर्म किया जाएगा। यह सूरज के आंतरिक हिस्से से 10 गुना ज्यादा गर्म होगा

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