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शहर के कई कॉलेज और स्कूलों के पास स्टेशनरी से ज्यादा पान की गुमटियां और शराब की दुकानें

इंदौर। एक ओर तो शासन-प्रशासन स्कूलों और कॉलेज में शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। वहीं दूसरी तरफ शहर के स्कूलों और कॉलेज के आस-पास जितनी कॉपी-किताबों की दुकानें नहीं है उससे कहीं ज्यादा पान-सिगरेट की गुमटियां देखी जा सकती है। शहर के कई स्कूलों के पास तो यह हालत है कि वहां स्कूल के बच्चे खुलेआम सिगरेट पीते नजर आते हैं। मिल क्षेत्र परदेशीपुरा स्थित सुगनीदेवी गर्ल्स कॉलेज के पीछे की ओर शराब की दुकान है जिस वजह से शराबी कॉलेज के अंदर बैठकर ही शराब पीते हैं, जैसे वह कॉलेज कैम्पस नहीं अहाता हो। यह तो महज एक ही उदाहरण हैं शहर में कई ऐसी पान की या शराब की दुकानें हैं जिनके आसपास या तो शैक्षणिक संस्थाएं हैं या फिर स्कूल-कॉलेज संचालित हो रहे हैं। अभी तक शासन की ओर से इस पर किसी का ध्यान ही नहीं गया हो ऐसा लगता हैं। जब मृदुभाषी संवाददाता ने अधिकारियों से बात की तो उन्होंने एक-दूसरे पर बात टालने की कोशिश की।

स्टेशनरी से ज्यादा पान की गुमटियां

स्कूल के आस-पास कॉपी-किताबों की दुकानें तो कम ही देखने को मिलती है इससे कहीं ज्यादा पान की गुमटियां देखने को मिलती है। अब तो स्थिति यह है कि लोग स्टेशनरी की दुकान के बजाय स्कूल-कॉलेज के आस-पास गुमटियां लगाने लगे हैं। सुगनीदेवी गर्ल्स कॉलेज मिल क्षेत्र में एक मात्र कॉलेज है जहां गर्ल्स के लिए कई कोर्स चलाए जा रहे हैं। लेकिन सालों से वहां व्यवस्थित बाउंड्रीवॉल से लेकर किसी अनजान व्यक्ति के आने-जाने तक पर किसी तरह की रोक-टोक नजर नहीं आती। कॉलेज के पीछे की तरफ शराब की दुकान है जहां से लोग शराब खरीदकर कैम्पस में ही बैठकर पीते हैं।

वहीं नजदीक में ही पुलिस चौकी भी बनाई गई है, लेकिन पुलिस अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं देते। रहवासियों का भी कहना हैं शासन का क्या इस ओर ध्यान नहीं है या फिर वह ध्यान देना ही नहीं चाहते। कॉलेज चारों तरफ से खुला है। पुलिस जरूर कहती है कि हम नजर रखते है, लेकिन ऐसी किसी तरह की गतिविधि देखने को नहीं मिलती। दरअसल लड़कियों के इस कॉलेज में मिल क्षेत्र के और सामान्य वर्ग के लोगों की बेटियां पढ़ती है।

हटाने के बाद फिर जमा लेते दुकान

विजय नगर स्थित प्रेस्टीज कॉलेज के मेन गेट के सामने ही पान की गुमटियां नजर आती हैं। कॉलेज के मेन गेट से महज 50 मीटर की दूरी पर ही पान की लगातार गुमटियां नजर आती हैं। कई बार इन दुकानदारों को अधिकारियों ने हटाया भी हैं, लेकिन एक-दो दिन के बाद यहां दुकानें फिर लगने लगती हैं। इसके अलावा जीडीसी, आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज के यहां भी पान की गुमटियां महज कुछ मीटर की दूरी पर ही मौजूद हैं। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के मेन गेट के सामने ही चलित पान की दुकानें नजर आती हैं। इसके अलावा शहर के तमाम इंजीनियरिंग और अन्य परंपरागत कोर्स करवाने वाले निजी और सरकारी कॉलेजों के पास की स्थिति भी कुछ इसी तरह की हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि कई संस्थानों के पास ही में पुलिस थाना मौजूद है, लेकिन कोई अपनी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। इन सब समस्याओं का सामना लड़कियों को करना पड़ता है। लड़कियों का कहना हैं कई बार तो आॅटो चालक या फिर शराब की दुकान से निकलने वाले व्यक्ति गुमटी पर ही खड़े होकर कमेंट करते है। ऐसी स्थिति में कई बार हमारा कॉलेज से निकलना तक मुश्किल हो जाता है।

सख्ती से हटवाई जानी चाहिए दुकानें

आशीष हार्डिया, छात्र नेता के अनुसार कॉलेज के पास में पान की गुमटियां होना ही नहीं चाहिए। लेकिन यहां कई स्कूल कॉलेज की तो यह हालत है कि स्टेशनरी की दुकान दूर है तो पान की गुमटियां कॉलेज में ही। लड़कियों के कॉलेज के आस-पास तो इस तरह की दुकानें सख्ती से हटाना चाहिए, और इन दुकानों को लगाने का आदेश ही नहीं होना चाहिए। छात्र नेता अक्षय ने बताया शैक्षणिक संस्थानों के पास मौजूद पान की गुमटियां या दुकानों को हटाने के लिए कई बार शिकायत कर चुके हैं। हर बार थोड़े दिन के लिए दुकानें हटा दी जाती है, लेकिन कुछ ही दिन में वे वापस जम जाती हैं। अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझने को ही तैयार नहीं हैं। शिक्षा विभाग भी सिर्फ नियम बना देता है लेकिन उस पर कितना अमल किया जा रहा हैं इस पर ध्यान नहीं देता।

लिख रहे हैं चिट्ठियां

यदि किसी कॉलेज के पास शराब या पान की गुमटी है तो इसके लिए कॉलेज को ऑब्जेक्शन लेना होगा और ठोस कदम उठाना होगा। ऐसी दुकानें जो नियमों के अंतर्गत शैक्षणिक संस्थानों के पास मौजूद हैं हम उन्हें चिट्ठियां लिख रहे हैं। सुरेश सिलावट, उच्च शिक्षा विभाग, अतिरिक्त संचालक

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