विश्व युद्ध की घटना के बाद पूरा विश्व चिंतित हो उठा कि भविष्य में ऐसी कोई दूसरी घटना न घटित हो उसके लिए कई देशों के बुद्धिजीवियों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र का गठन किया। इसे शक्ति प्रदान करने के लिए एक सैन्य संगठन की भी आवश्यकता महसूस की गयी जिससे कोई भी देश नियमों के विपरीत कार्य करने पर उसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जा सके। इसके लिए कई देशों ने अपनी सेना को साझा करने का निर्णय लिया। इस प्रकार से कई देशों की सेनाओं ने मिलकर NATO संगठन का निर्माण किया।
नाटो कुछ देशों का एक इंटरगवर्नेंट मिलिट्री संगठन है। इसका मकसद साझा सुरक्षा नीति पर काम करना है। जैसे मान लीजिए अगर किसी नाटो देश पर कोई दूसरा देश हमला करता है तो पूरे नाटो के देश प्रभावित देश के साथ खड़े हो जाते हैं और उसकी मदद करते हैं। इसका पूरा नाम नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) है, जिसे फ्रेंच में OTAN कहते हैं, जो एक तरह से नाटो का उल्टा है।
ये तो आप समझ गए कि NATO क्या है। अब आपको बताते हैं कि आखिर NATO कैसे अस्तित्व में आया और उसके बाद ही समझ जाएंगे कि NATO देश रूस के खिलाफ क्यों खड़े हैं। दरअसल, दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया दो खेमों में बंट गई थी और उस वक्त दो सुपर पावर थे, जिसमें अमेरिका और सोवियत संघ शामिल था। उस वक्त सोवियत संघ के अलावा दूसरे खेमे ने अपनी अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए प्रयास शुरू किया था और उसके साथ ही उन देसों ने सोवियत संघ और अन्य देशों से खुद को सुरक्षित करने के लिए ये संगठन बनाया था ताकि वे एक साथ होकर खुद की रक्षा कर सकें।
कौन- कौन से देश हैं शामिल?
अगर NATO में शामिल देशों की बात करें तो इसमें प्रमुख देश अमेरिका ही है. इसे अमेरिका की ओर से बढ़ा गया कदम ही माना जाता है और अमेरिका के नेतृत्व वाले NATO के खिलाफ रूस है. बता दें कि अभी NATO में 30 देश शामिल हैं, जिनकी लिस्ट नीचे दी गई है. बता दें कि जब सोवियत संघ टूट गया तो उससे अलग होकर दो देश बने वो भी NATO का हिस्सा बन गए, जिसमें लातविया और लिथुआनिया जैसे देश शामिल हैं. नॉर्थ मैसेडोनिया साल 2020 में इसमें शामिल होने वाले सबसे नया मेंबर है.
NATO देशों की ये रही लिस्ट
Albania, Belgium, Bulgaria ,Canada ,Croatia ,Czech ,Rep ,Denmark ,Estonia ,France ,Germany ,Greece ,Hungary ,Iceland ,Italy ,Latvia ,Lithuania ,Luxembourg ,Montenegro ,Netherlands ,North ,Macedonia ,Norway ,Poland ,Portugal ,Romania ,Slovakia ,Slovenia ,Spain ,Turkey ,United ,Kingdom ,United ,States
भारत भी नहीं है हिस्सा
बता दें कि नाटो का सदस्य बनने के लिए यूरोपीय देश होना जरूरी शर्त है. हालांकि, अपनी पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से नाटो ने कई अन्य देशों से भी अपने संपर्क स्थापित किए हैं. अल्जीरिया, मिस्र, जॉर्डन, मोरक्को और ट्यूनिशिया भी नाटो के सहयोगी हैं।