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घर पर कैश-गोल्ड रखने की क्या है लिमिट, कब हो सकती है सजा? जान लीजिए नियम

अभी हाल में उत्तर प्रदेश के कई कारोबारियों के यहाँ इनकम टैक्स के छापे पड़े थे जिसमें अरबों रुपये कैश में मिले थे। इसके अलावा कई किलो सोना और चांदी भी बरामद हुआ था। जिसके चलते इन व्यवसायियों को जहाँ जेल जाना पड़ा वहीं इनका सारा कैश और सोना-चांदी भी जब्द कर लिया गया। तो आइये आज हम आपको बताते हैं कि घर में कैश और सोना रखने का क्या नियम है, या घर में कितना कैश रख सकते हैं क्या घर में कैश रखने की भी कोई लिमिट है। साथ ही यह भी बताएंगे कि आप घर में कितना सोना या सोने के गहने रख सकतें है। क्योंकि घर में सोने के गहनों को रखने को लेकर भी लिमिट तय है। यही सब जानकारी आज हम आपको देंगे। ताकि भविष्य में आपके साथ भी ऐसी कोई घटना हो तो आपको इस बात की पूरी जानकारी रहे।

अगर आप भी कैश और गोल्ड रखने के शौकीन हैं तो ये जान लीजिए कि लिमिट से ज्यादा नकदी और सोना रखना भारी पड़ सकता है। देश में पहले गोल्ड कंट्रोल एक्ट 1968 था, जो निश्चित मात्रा से अधिक सोना रखने पर निगरानी रखता था. लेकिन इसे जून 1990 में खत्म कर दिया गया था. लेकिन वर्तमान में घर पर गोल्ड रखने की कोई लिमिट नहीं है, बशर्ते आपको इसका वैलिड सोर्स और प्रूफ देना होगा. लेकिन इनकम का सोर्स बताए बिना घर में गोल्ड रखने की लिमिट तय है. अगर आप इस लिमिट में घर में सोना रखते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट गोल्ड जब्त नहीं करेगा.

कितने गोल्ड पर नहीं देना होगा प्रूफ

सरकारी नियम के मुताबिक विवाहित महिला 500 ग्राम तक सोना रख सकती है, जबकि अविवाहित महिला 250 ग्राम और विवाहित पुरुष 100 ग्राम सोना रख सकता है. इसके लिए संबंधित व्यक्ति को इनकम प्रूफ देने की जरूरत नहीं होगी. इस लिमिट में कोई सोना रखता है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सोना जब्त नहीं करेगा. अगर कोई व्यक्ति इससे अधिक मात्रा में अपने घर में सोना रखता है, तो उसे इसके सोर्स की जानकारी देनी होगी.

कितना सोना होने पर जब्ती की कार्रवाई होगी

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के मुताबिक सोर्स की जानकारी देने पर गोल्ड के आभूषण रखने पर कोई रोक नहीं है. लेकिन इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 132 के मुताबिक इनकम टैक्स अधिकारियों के पास ये अथॉरिटी है कि वह लिमिट से ज्यादा ज्वैलरी होने पर उसे जब्त कर सकते हैं. इसके अलावा गिफ्ट में 50 हजार रुपए से कम के सोने के आभूषण मिलते है या विरासत में ज्वैलरी मिलती है तो यह टैक्स के दायरे में नहीं आती. लेकिन ये साबित करना होगा कि ये गिफ्ट या विरासत में मिला है.

ये है कैश रखने के नियम

घर पर कैश रखने कोई भी लिमिट तय नहीं है, लेकिन आपको इस कैश का सोर्स बताना होगा कि आपने किस माध्यम से इस पैसे को कमाया है. नए नियमों के मुताबिक घर में रखे कैश का सोर्स बताना जरूरी है. अगर कोई कैश की जानकारी नहीं दे पाता है, तो 137 फीसदी तक जुर्माना भरना पड़ सकता है.

क्या कहता है नया नियम

नए नियम के मुताबिक एक फाइनेंशियल ईयर में कैश में 20 लाख रुपये से अधिक का ट्रांजेक्शन करने पर जुर्माना भरना पड़ सकता है. सीबीडीटी के मुताबिक कोई एक साल में 20 लाख रुपये नकद जमा करता है तो उसे पैन और आधार की जानकारी देनी होगी. ऐसा करने पर 20 लाख रुपये तक जुर्माना देना पड़ सकता है. वहीं 2 लाख रुपये से ज्यादा कैश में खरीदारी नहीं की जा सकती. इसके अलावा आप किसी को कैश में चंदा देते हैं, तो इसकी लिमिट भी 2 हजार रुपये तय कर दी गई है. इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 269-SS के मुताबिक कोई भी व्य़क्ति किसी दूसरे व्य़क्ति से 20 हजार से ज्यादा का लोन नकद में नही ले सकता है. बैंक से 2 करोड़ रुपये से अधिक कैश निकालने पर टीडीएस लगेगा।

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