चैट जीपीटी इन दिनों काफी चर्चा में बना हुआ है. टेक वर्ल्ड में यह टर्म आजकल हर किसी की जुबां पर है. आपने भी कहीं न कहीं इसके बारे में जरूर सुना होगा, इस्तेमाल भले अब तक नहीं कर पाये हों. ऐसा कहा जा रहा है कि आनेवाले समय में यह चैटबॉट गूगल को भी ख़त्म कर सकता है। लोग गूगल पर ‘चैट जीपीटी क्या है?’ लिखकर सर्च कर रहे हैं और इसके बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं. अगर आप भी चैट-जीपीटी के बारे में जानना चाहते हैं, तो हम आपको बताते हैं कि यह क्या चीज है.
चैटजीपीटी एक डीप मशीन लर्निंग बेस्ड चैट बॉट है. Chat GPT एक तरह का चैट बॉट है. यह एक ऐसा बॉट है, जो यूजर द्वारा पूछे गए सवाल को समझ कर पूरी तफ्सील के साथ जवाब तैयार कर उसके सामने रख देता है.
गूगल और चैट जीपीटी के बीच के अंतर की बात करें, तो गूगल सिर्फ एक सर्च इंजन है. यह यूजर के सर्च करने पर रिजल्ट्स के लिंक्स को उसके सामने रख देता है. वहीं, चैट जीपीटी यूजर के पूछे गए सवाल का जवाब एआई के माध्यम से तैयार कर टेक्स्ट फॉर्म में उसके सामने रख देता है. चैट जीपीटी से कोई भी सवाल किया जा सकता है और यह हर सवाल का जवाब देता है. AI प्रोग्राम चैट जीपीटी यूजर से पूछता है कि वह दी गई जानकारी से संतुष्ट है या नहीं. ‘नहीं’ का चयन करने पर चैट जीपीटी अपने डेटा में बदलाव कर नया जवाब देता है. यह बार-बार अपने रिजल्ट में परिवर्तन करता है जब तक कि यूजर्स को इसकी ओर से दी गई जानकारी से संतुष्ट न हो जाए.
चैट जीपीटी से कोई भी सवाल किया जा सकता है और यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई के माध्यम से जवाब तैयार कर उसे यूजर्स के सामने रख देता है. गूगल पर अपने सवालों का उत्तर ढूंढ़ने के लिए हमें कई विकल्पों से होकर गुजरना होता है. ऐसे में सही जवाब तक पहुंचने के लिए हमें कई बार पांच से 10 वेबसाइटों से होकर गुजरना पड़ता है. वहीं, चैट जीपीटी आपके उन्हीं सवालों का जवाब सटीक ढंग से बिना किसी देरी के देता है. टेक इंडस्ट्री में गूगल की प्रतिस्पर्द्धी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने चैट जीपीटी पर 10 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान किया है. जाहिर है, गूगल को एआई बेस्ड इस टूल से खतरा महसूस हो रहा है.
जीपीटी जैसे चैट बॉट बड़ी मात्रा में डेटा और कंप्यूटिंग तकनीकों से चलते हैं। ऐसा इसलिए ताकि शब्दों को आसान तरीके से एक साथ जोड़ने के बाद जवाब तैयार किया जा सके. ये जानकारी के साथ शब्दों का इस्तेमाल तो करते ही हैं, शब्दों को उनके सही संदर्भ में समझते भी हैं. Google और Meta सहित दूसरी तकनीकी कंपनियों ने भी ऐसे मॉडल डेवलप किये हैं, जो ऐसे प्रोग्राम के इस्तेमाल से सवालों का जवाब देते हैं. वहीं, Open AI ने जो Chat GPT इंटरफेस तैयार किया है वह आम जनता की सीधी पहुंच में है.
इस समय माइक्रोसॉफ्ट बिंग चैटबॉट को केवल 3% लोग ही इस्तेमाल कर सकते हैं। अभी फिलहाल इसे ट्रायल के तौर पर शुरू किया गया है। अगर कोई यूजर अभी इस्तेमाल करना चाहता है तो वह बिंग यूज करने के लिए अपने आईडी से साइन- इन करके वेटिंग लिस्ट में जगह बना सकता है।
ऐसा करने के लिए यूजर्स को Being.com/new पर ‘जॉइन वेटलिस्ट’ का चयन करना होगा। अपना ईमेल आईडी टाइप करने के बाद आपको मेल आएगा कि आप कब इसे इस्तेमाल कर सकते हैं। माइक्रोसॉफ्ट इस पर तेजी से काम कर रहा है। माइक्रोसॉफ्ट ने अभी पक्की तारीख नहीं बताई है कि आमलोगों के लिए ये सुविधा कब शुरू होगी। हालांकि, कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि साल के अंत तक ट्रायल पूरा होने के बाद माइक्रोसॉफ्ट बिंग चैटबॉट को आमलोगों के लिए स्टार्ट किया जा सकता है।