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PM मोदी ने ऐसा क्या कहा कि स्थगित करना पड़ा सदन

नई दिल्ली। कितने चेहरे लगे हैं चेहरों पर, क्या हक़ीक़त है और सियासत क्या ? शायर सागर ख़य्यामी का यह शेर आज के लोकसभा मानसून सत्र के पहले दिन पर हकीकत होता दिखाई दिया। क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में प्रधानमंत्री की कही बात से ऐसा हंगामा हुआ की लोकसभा स्थगित करनी पड़ी। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही। नए सदस्यों की शपथ के बाद मोदी नए मंत्रियों का परिचय देने खड़े हुए, तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। सदन की कार्यवाही शुरू होने के 8 मिनट बाद ही विपक्ष के शोर-शराबे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आपत्ति जताई। इसके बाद भी विपक्ष के सांसदों की नारेबाजी जारी रही, तो स्पीकर ने लोकसभा को स्थगित कर दिया।

मोदी ने कहा आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा।

हंगामे पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, ​आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी,​ किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते।’

मॉनसून सेशन के लिए लोकसभा में 2 फाइनेंशियल बिल समेत कुल 23 बिल लिस्टेड हैं।

लोकसभा के बाद प्रधानमंत्री राज्यसभा पहुंचे। वहां भी मोदी के भाषण शुरू करते ही हंगामा शुरू हो गया। हंगामा बढ़ते देख पीएम ने लोकसभा में कही बातों को दोहराया और कहा कि मंत्रिमंडल में नवनियुक्त सदस्यों को राज्यसभा में इंट्रोड्यूस माना जाए। बता दे मॉनसून सेशन के लिए लोकसभा में 2 फाइनेंशियल बिल समेत कुल 23 बिल लिस्टेड हैं। इनमें से 6 बिल पिछले सेशन से पेंडिंग हैं, जबकि 17 नए बिल हैं।

राजनीती भी जंग की तरह रोमांचक होती है।

politics is almost as exciting as war यह बात यूनाइटेड किंगडम के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने कही थी जिसका मतलब होता है की राजनीती भी जंग की तरह रोमांचक होती है। लोकसभा और राज्यसभा में सत्र के पहले ही दिन हुए हंगामें का राजनैतिक एक्सपर्ट्स कई मायने निकाल रहे है। तो अब देखते है की सियासी जंग के रोमांच में हमें आगे क्या देखने को मिलता है।

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