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आज़ादी से जुड़े यह किस्से हमें नहीं पढ़ाए गए !

भारत, यह केवल एक देश का नाम नहीं है। भारत एक जज़्बात है जो करोड़ों हिंदुस्तानी अपने दिल में लेकर जीते हैं। भारत एक सुनहरा ख्वाब है, जिसके लिए अनगिनत वीरों ने बलिदान दिया है। आज हमारे देश का सबसे बड़ा त्यौहार है, ख़ुशी का अवसर है, आप भी सुबह से तमाम सोशल मीडिया साइट्स पर बधाई सन्देश पढ़ रहे होंगे। लेकिन आज के इस खास मौके पर हम आपके लिए आज़ादी से जुडी ऐसी हैरतअंगेज कहानियां और फैक्ट्स लाए हैं। जो आपने पहले नहीं सुने होंगे। तो चलिए शुरू करते हैं।

क्या आप जानते हैं कि जब भारत को 15 अगस्त 1947 में स्वतंत्रता मिली थी, तब हमारे पास कोई राष्ट्रगान नहीं था। हलाकि 1911 में ही रविंद्रनाथ टैगोर ‘जन गण मन’ बंगाली भाषा में लिख चुके थे, लेकिन 1950 में यह हमारे देश का राष्ट्रगान बन पाया था. एक और दिलचस्प फैक्ट है कि 15 अगस्त 1947 को पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा था, लेकिन महात्मा गांधी इसमे शामिल नही हो पाए थे, क्योकिं वह उस समय कलकत्ता में हिंदु-मुस्लिम दंगे को रोकने में लगे हुए थे.

हर घर तिरंगा अभीयान के तहत हम सभी ने घर, दफ्तर से लेकर डीपी तक में तिरंगा फैराया है। लेकिन 1947 में ऐसा नही हुआ था. प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 16 अगस्त को लाल किले से झंडा फहराया था. यही नहीं 15 अगस्त तक भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा रेखा भी नहीं थी. यह 17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन के रूप में खींची गई थी.

गोवा सभी की डेस्टिनेशन लिस्ट में पहले स्थान पर रहता है, ऐसा ही कुछ आज़ादी के बाद हुआ। भारत की स्वतंत्रता के बाद, पुर्तगाल ने अपने संविधान में संशोधन किया और गोवा को एक पुर्तगाली राज्य के रूप में घोषित किया. जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने 19 दिसम्बर 1961 को गोवा पर हमला किया और इसे भारत में मिला दिया था.

अपने बचपन से सुना होगा कि डॉलर रूपये के बराबर कभी नहीं आ सकता। लेकिन 15 अगस्त 1947 को 1 रुपया 1 डॉलर के बराबर था। वहीं सोने का भाव 88 रुपए 62 पैसे प्रति 10 ग्राम था। 15 अगस्त केवल हमारे लिए खास नहीं है, यह भारत के अलावा तीन और देशों का स्वतंत्रता दिवस भी है। इस दिन दाक्षिण कोरिया, बहरीन और कांगों भी आजाद हुए थे।

जवाहर लाल नेहरू ने ऐतिहासिक भाषण ‘ट्रिस्ट विद डेस्टनी’ 14 अगस्त की मध्यरात्रि को वायसराय लॉज यानि मौजूदा राष्ट्रपति भवन से दिया था। तब नेहरू प्रधानमंत्री नहीं बने थे। इस भाषण को पूरी दुनिया ने सुना, लेकिन गांधी उस दिन नौ बजे सोने चले गए थे। यह थे हमारे आज़ादी से जुड़े कुछ रोचक किस्से, उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। अभी के लिए केवल इतना ही, आप सभी को एक बार फिर मृदुभाषी की और से स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। जय हिन्द जय भारत

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