Mradhubhashi
Search
Close this search box.

विद्या + अर्थी :  इंदौर में जिंदा जलाई गईं प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा ने दम तोड़ा, बेटी वेदांशी ने दी मुखाग्नि

ऐसे विद्यार्थी को क्या कहें?

संस्कृत सुभाषितों में विद्या और विद्यार्थी के बारे बहुत अच्छी-अच्छी बातें कहीं गयीं हैं, लेकिन ये अच्छी बातें आज के विद्यार्थी ग्रहण नहीं करते हुए हिंसक हो रहे हैं। व्याकरण के मुताबिक विद्यार्थी शब्द दो शब्दों से बना है – विद्या + अर्थी जिसका अर्थ होता है विद्या चाहने वाला…लेकिन इंदौर के एक छात्र ने इस सुंदर अर्थ को बदरंग कर दिया। वह ऐसा विद्यार्थी हो गया जो अपनी प्राचार्य की अर्थी का कारण बन गया। उसने प्राचार्य को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया था। पांच दिन बाद शनिवार को प्राचार्य की मौत हो गई।

इंदौर। इंदौर के बीएन फार्मेसी कॉलेज की प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा (55) ने शनिवार सुबह पौने 4 बजे दम तोड़ दिया। वे पांच दिनों से चोइथराम अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहीं थी। उनके कॉलेज के पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव ने ही उन्हें पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया था। जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव को घर लेकर उनके आनंद नगर स्थित घर पहुंचे। विमुक्ता की अंतिम यात्रा एक बजे रीजनल पार्क मुक्तिधाम के लिए रवाना हुई। उनकी बेटी वेदांशी ने ही उन्हें कांधा दिया। पति मनोज शर्मा और बेटी वेदांशी ने डॉ. शर्मा को मुखाग्नि दी। उनकी अंतिम यात्रा में परिजन, रिश्तेदार और स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में जमा थे।

कलेक्टर ने आरोपी छात्र के खिलाफ रासुका लगा दी है। वहीं डॉ. विमुक्ता शर्मा की मौत के बाद उसके खिलाफ हत्या की धाराएं भी बढ़ा दी गई हैं। ग्रामीण एसपी भगवतसिंह बिरदे ने कहा हम बारीकी से केस की जांच रिपोर्ट बना रहे हैं। आरोपी बेहद शातिर और आपराधिक प्रवृत्ति का है। हम फांसी से कम सजा पर नहीं मानेंगे। न्यायालय के समक्ष मजबूती से केस रखेंगे जिससे आरोपी को निश्चित रूप से फांसी की सजा मिले। पुलिस ने आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव पर 302 की धारा बढ़ा दी है।

लापरवाह पुलिसकर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा

ग्रामीण एसपी भगवतसिंह बिरदे ने कहा केस में लापरवाही करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। एक एएसआई को निलंबित किया जा चुका है और अभी एडिशनल एसपी मामले की जांच कर रहे हैं। अगर थाना प्रभारी या किसी भी अन्य पुलिसकर्मी की लापरवाही भी मिली तो उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। कॉलेज प्रबंधन की व्यवस्थाओं को लेकर भी जांच की जा रही है उसकी रिपोर्ट भी कलेक्टर को सौंपेंगे।

प्राचार्य का मृत्यु से पहले कथन

एसपी ने कहा कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत पुलिस के पास मौजूद है। वही सबसे बड़ा सबूत यह है कि मृत्यु से पहले डॉ. विमुक्ता शर्मा ने भी अपने कथन पुलिस को दिए है। इन सभी सबूतों के आधार पर पूरा मामला स्पेशल कोर्ट में चलेगा।

ये सबूत जुटा चुकी पुलिस

सिमरोल टीआई आरएन भदौरिया के अनुसार आरोपी आशुतोष ने जिस पंप से बाइक में पेट्रोल डलवाया था, उसके मालिक और तेजाजी नगर के जनरल स्टोर संचालक, जिनसे बाल्टी खरीदी थी, उनके बयान ले लिए हैं। घटना के चश्मदीद गवाह इलेक्ट्रिशियन सुनील खैर ने बताया है कि आशुतोष ने बाल्टी भरकर पेट्रोल मैडम के ऊपर डाला था।

ऑर्गन फेल हो गए

चोइथराम हॉस्पिटल के डॉ. अमित भटनागर ने बताया कि डॉ. विमुक्ता शर्मा को बेहद क्रिटिकल कंडीशन में चोइथराम अस्पताल में एडमिट किया गया था। डॉक्टरों की टीम ने परिजन से तभी कह दिया था कि वे 90 प्रतिशत तक जल चुकी हैं। ऐसे में उनके बचने की संभावना नहीं के बराबर है। पांच दिन में डॉ. विमुक्ता के कई इंटरनल ऑर्गन फेल हो गए थे। जलने के कारण हुए घाव भी फैलते गए आखिरी घंटों के दौरान उनके फेफड़ों और हार्ट ने काम करना बंद कर दिया था।

अपनी शर्तों पर मार्कशीट चाहता था आरोपी

आरोपी आशुतोष ने फॉर्मा की मार्कशीट के लिए यह सब किया। वह कह रहा था कि मार्कशीट जल्दी लाकर दो। अक्टूबर में उसने प्रोफेसर विजय पटेल को चाकू मार दिया था। इसके बाद उसकी रुकी हुई मार्कशीट अर्जेंट बेसेस पर जारी कराई गई। कॉलेज ने मार्कशीट लेकर जाने को कहा तो पहले चाकूबाजी का केस खत्म करने की मांग रखी। इसके बाद प्रिंसिपल को जिंदा जला दिया।

पुलिस की निष्क्रियता

प्राचार्य के परिवार और बीएम कॉलेज के कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि पुलिस की निष्क्रियता के कारण दुखद घटना हुई, क्योंकि आरोपी के खिलाफ पहले कई शिकायतें की गईं, लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। आरोपी ने कई बार कॉलेज प्राचार्य को धमकी भरे संदेश भी भेजे थे।

डॉ. विमुक्ता की बेटी का फूटा दर्द

डॉ. विमुक्ता की बेटी देवांशी लेखिका हैं। वे अब तक 6 किताबें लिख चुकी हैं। देवांशी घटना वाले दिन 20 फरवरी को ही दिल्ली से इंदौरआईं। उन्होंने कहा कि आरोपी छात्र नहीं अपराधी है। उसने अपराध किया है, उसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है। उसे सख्त से सख्त सजा दी जाना चाहिए।

मंदसौर में पढ़ी थीं विमुक्ता

डॉ. विमुक्ता का जन्म मंदसौर में 1968 में हुआ था, यहां उनका ननिहाल है। उनका परिवार मूलत: नीमच के पास के गांव का रहने वाला है। पिता एसएन तिवारी की अलग-अलग जगह पोस्टिंग रही और आखिर में वे दिल्ली भेल से रिटायर्ड हुए। विमुक्ता ने स्कूल की पढ़ाई मंदसौर से ही की थी।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट