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Veer Savarkar: अब वीर सावरकर के पोते ने उठाए महात्मा गांधी पर सवाल

नई दिल्ली। सावरकर को लेकर दिए गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद से जारी वार-पलटवार थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने राजनाथ सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि आरएसएस वाले एक दिन महात्मा गांधी को हटाकर सावरकर को देश का राष्ट्रपिता बना देंगे। अब सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने इस पर जवाब दिया है और कहा है कि भारत जैसे देश में कोई एक राष्ट्रपिता नहीं हो सकता है। मुझे नहीं लगता गांधी राष्ट्रपिता हैं। यहां हजारों ऐसे हैं जिन्हें भुला दिया गया है।

1910 के दशक में अंडमान में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सावरकर की दया याचिकाओं के बारे में विवाद का उल्लेख करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा था कि यह एक कैदी का अधिकार था और उन्होंने महात्मा गांधी के कहने पर दया याचिका दी थी। इस पर असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि राजनाथ विकृत इतिहास पेश कर रहे हैं।

शिवसेना ने सावरकर को बताया महान

वहीं शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने बुधवार को सावरकर के मुद्दे पर भाजपा का साथ दिया और कहा कि एक ऐसा स्वतंत्रता सेनानी जो एक दशक से ज्यादा समय तक जेल में रहा हो, वह अपने मकसद को पूर्ण करने के लिए रणनीति अपना सकता है ताकि जेल से बाहर आए। राजनीति और जेल में कैद के दौरान अलग ही रणनीति अपनाई जाती है। यदि सावरकर ने ऐसी कोई रणनीति अपनाई तो फिर उसको माफी मांगना नहीं कहा जा सकता। सावरकर ने शायद ऐसी ही रणनीति अपनाई थी। उसको माफी नहीं कह सकते। सावरकर ने कभी भी अंग्रेजों से माफी नहीं मांगी थी।

विवाद पर उठा बवाल

इससे पहले रक्षा राज्यमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि महात्मा गांधी के कहने पर वीर सावरकर ने अंग्रेजों को दया याचिका भेजी थी। राजनाथ सिंह के दावे पर कांग्रेस समेत कई दलों ने सवाल उठाया था। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने राजनाथ सिंह से पूछा कि आखिर गांधी और सावरकर के बीच बात कैसे हुई थी। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि ये लोग सावरकर को राष्ट्रपिता घोषित कर सकते हैं। शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि हमारी पार्टी के लिए हमेशा से सावरकर आदर्श रहे हैं और वह स्वतंत्रता सेनानी और हिंदुत्व के आइकॉन के तौर पर हमारे आदर्श हैं। वीर सावरकर को बदनाम करने का काम मार्क्सवादी विचारधारा के इतिहासकारों ने किया है।

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