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भक्ति भाव से मनाया गया वर्धमान सागर महाराज का 32 वा आचार्य पदारोहण दिवस

सनावद। निमाड़ की माटी के लाल नगर गौरव आ.श्री 108 वर्धमान सागर जी महाराज का 32 वा आचार्य पदारोहण दिवस सकल जैन समाज बहूत ही हर्सोल्लास व भक्तिभाव से मनाया।

सन्मति जैन ने बताया की इस अवसर पर प्रातः7 बजे से बड़ा मन्दिर मे हेमेंद्र काका,सुनील मास्टर सहित सभी समाजजनों द्वारा भव्य पंचामृत अभिषेक किया गया। ततपश्चात आचार्य का सामूहिक पूजन भिन्न भिन्न प्रकार के अर्घ व नेवैद्य शोभा जैन,राजकुमारी बाई,कमल जटाले ने समर्पित किये। तत्पश्चात सभी भक्तों के द्वारा आचार्य के चित्र के समक्ष सभी के द्वारा भक्ति की गई। इसी कड़ी में रात्रि में आरती के पश्चात आचार्य की 32 दीपों से आरती कर के प्रदीप पंचोलिया व वर्धमान भजन मंडली के द्वारा सुमधुर भजन प्रस्तुत किये गए।

जैसा की सभी को ज्ञात है की आज साक्षात चारित्र चक्रवर्ती 20 वी सदी के प्रथम आचार्य शान्ति सागर के चरित्र को चरितार्थ कर पूरे विश्व मे वो उनकी परम्परा का निर्वहनकर रहे है। एक ऐसे आचार्य जिन्होंने एक साथ तीन-तीन बार भगवान बाहुबली के पंचकल्याणक महा मस्तकाभिषेक कराने का सौभाग्य प्राप्त किया है। ऐसे आचार्य का गुणगान करना अतिशयोक्ति नही होंगी।जैसा की सभी को ज्ञात है की आज से 32 वर्ष पूर्व आज ही के दिन तिथि के अनुसार आशाढ़ सुदी एकम को पारशोला राजस्थान में आचार्य 108 अजीत सागर महाराज के द्वारा प्रदान किया गया था।

बड़वाह से मृदुभाषी के लिए विपिन जैन की रिपोर्ट

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