Valentine Day 2021: कुंडली में है यदि ये योग तो प्यार चढ़ेगा परवान और होगा प्रेम विवाह - Mradubhashi - MP News, MP News in Hindi, Top News, Latest News, Hindi News, हिंदी समाचार, Breaking News, Latest News in Hindi
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Valentine Day 2021: कुंडली में है यदि ये योग तो प्यार चढ़ेगा परवान और होगा प्रेम विवाह

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Valentine Day 2021: मोहब्बत इंसान का एक खुशनुमा लम्हा होता है और इन्ही खूबसूरत पलों के सहारे वह सारी जिंदगी को परवान चढ़ाता है। प्यार के मौके हर किसी को मिलते हैं, लेकिन वो लोग खुशनसीब होते हैं जिनके प्यार मिल जाता है। मोहब्बत की मंजिल पर बड़े ही रुमानी होकर आहिस्ता-आहिस्ता कदम बढ़ाया जाता हैं, लेकिन हर किसी की किस्मत में प्यार के हसीन पल नहीं होते हैं। कुंडली के ग्रह आपकी मोहब्बत की दास्तां को बताते हैं। कुंडली के कुछ ग्रह मोहब्बत को रंगीन बनाते हैं तो कुछ इश्क को उम्दा अहसास में बदल देते हैं। आइए जानते हैं, प्यार और ग्रह का अदभुत संयोग।

मोहब्बत का सिलसिला कुंडली के शुभ ग्रहों से शुरू होता है। प्यार का विवाह के रिश्तों में बदलना भी ग्रहों के योग से होता है। कुंडली के खास ग्रह योग इश्क के लिए जिम्मेदार होते हैं।

पांचवा भाव चढ़ाता है प्यार को परवान

कुंडली में पांचवा भाव मोहब्बत के लिए जिम्मेदार होता है। सातवां भाव विवाह संबंधों को दर्शाता है। ज्योतिष में शुक्र ग्रह प्रेम का प्रतिनिधित्व करता है। कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति शुभ या उत्तम होने पर प्यार मिलता है। कुंडली में पहले, पांचवें, सातवें और ग्यारहवें भाव या स्थान का संबंध शुक्र ग्रह से होने से जातक प्रेमी स्वभाव का होता है। कुंडली में पांचवें स्थान का संबंध जब सातवें स्थान से होता है तो प्रेम विवाह के रिश्ते में बदल जाता है। कुंडली के नौवें स्थान का संबंध पांचवें स्थान से होने पर भी प्रेम विवाह हो जाता है। पांचवें भाव का स्वामी पंचमेश शुक्र सातवें स्थान पर है तो प्रेम विवाह की संभावना प्रबल हो जाती है। कुंडली में शुक्र के अपने घर में होने पर भी प्रेम विवाह होता है।

चंद्र कुंडली में भी होते है प्रेम विवाह के संयोग

कुंडली में शुक्र पहले भाव में है और चंद्र कुंडली में शुक्र पांचवे भाग में स्थित है तो भी प्रेम विवाह की संभावना काफी ज्यादा रहती है। ज्योतिष में नवमांश कुंडली को जन्म कुंडली का शरीर कहा जाता है। नवमांश कुंडली के सातवें भाव के स्वामी और नौवें भाव के स्वामी की युति हो तो प्रेम विवाह संभावनाएं काफी ज्यादा होती है। शुक्र पहले भाव में विराजित हो और साथ में पहले स्थान का स्वामी ग्रह भी हो तो प्रेम विवाह के योग बेहतर होते हैं। कुंडली के सातवें भाग में शनि और केतु की युति होने से प्रेम विवाह के योग बनते हैं।