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योगी की जनसंख्या नियंत्रण नीति, 1 बच्चे पर मिलेगी राहत, ज्यादा पर बरसेगी आफत

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जनसंख्या पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को अंतिम रुप दे दिया है। इसके तहत दो से ज्यादा बच्चे होने पर चुनाव लड़ने से लेकर सरकारी नौकरी तक पर पाबंदी रहेगी। इसके साथ एक बच्चे वाले माता पिता को कई तरह की सुविधाएं देने की वकालात राज्य विधि आयोग ने की है।

लोगों से मांगे सुझाव

राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण कानून के मसौदे को अंतिमि रूप देने के लिए लोगों से आपत्तियां व सुझाव भी मांगे हैं, जो 9 जुलाई तक आयोग को ई-मेल (statelawcommission2018@gmail.com) या फिर डाक के जरिए भेजे जा सकते हैं। इसके साथ ज्यादा बच्चे होने पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने की सिफारिश इस प्रस्ताव में की गई है। जनसंख्या नियंत्रण कानून का मसौदा राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल के मार्ग-दर्शन में तैयार किया गया है।

उत्तर प्रदेश जनसंख्या एक्ट रहेगा नाम

इस कूनून को प्रदेश में उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) एक्ट 2021 के नाम से जाना जाएगा। यह कानून 21 वर्ष से अधिक उम्र के युवकों और 18 वर्ष से अधिक उम्र की युवतियों पर लागू होगा। इस मसौदे को देश के अन्य राज्यों में लागू कानूनों का अध्ययन करने के बाद तैयार किया गया है। इसको आयोग की वेबसाइट (upslc.upsdc.gov.in) पर अपलोड किया गया है।

ज्यादा बच्चें होने पर गिरेगी गाज

मसौदे में एक बच्चे की नीति को स्वीकारने वाले गरीबी रेखा के नीचे वाले माता-पिता को विशेष तौर पर प्रोत्साहित करने की सिफारिश की गई है। पहले बच्चे के बाद ऑपरेशन करवाने वाले माता-पिता को विशेष सुविधाए दी जाएगी। इसके तहत पहला बच्चा बालक होने पर 80 हजार रुपये और बालिका होने पर एक लाख रुपये की विशेष प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही मुफ्त चिकित्सा सुविधा और सरकारी नौकरी होने की स्थिति में सेवाकाल में दो इंक्रीमेंट भी दिए जाएंगे। मसौदे में दो से ज्यादा बच्चों वालों की सब्सिडी बंद करने का प्रस्ताव रखा है।

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