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UP Election 2022: टिकट बिक्री के नाम पर 67 लाख हड़पने का आरोप, पुलिस थाने में फूट-फूटकर रोए नेताजी

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर बसपा में टिकट बिक्री का जिन्‍न खड़ा हो गया है। दरसअल मुजफ्फरनगर जनपद की इस खबर से सियासी गलियारों में खलबली मच गई है। यही नहीं, बसपा में टिकट की बिक्री का मामला कोतवाली पहुंच गया है। बसपा नेता अरशद राणा ने पश्चिमी यूपी प्रभारी शमसुद्दीन राईन पर टिकट के नाम पर 67 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया है। अरशद राणा ने शमसुद्दीन राईन के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इस दौरान वह थाने में ही इंस्पेक्टर के सामने फूट-फूटकर रोने लगे। राणा ने कहा कि बसपा ने मेरा तमाशा बना दिया है। राईन मुझे ऑफिस में अंदर बिठाकर कहते हैं कि तेरी जगह किसी और को चुनाव लड़ा रहे हैं। आप देख रहे होंगे कि मैं अखबार में विज्ञापन के अलावा होर्डिंग और पोस्‍टर पर खर्चा कर रहा हूं, लेकिन ऐन वक्‍त पर मेरे साथ ऐसा हो रहा है। वहीं, बसपा नेता अरशद राणा ने चेतावनी दी है कि अगर इंसाफ नहीं मिला तो वह आत्मदाह कर लेंगे। इसके साथ राणा ने कहा कि मैं पिछले 24 साल से बसपा का कार्यकर्ता हूं और मैंने कई पदों पर कार्य किया है। जबकि चरथावल विधानसभा में 2018 में हुए कार्यक्रम में मुझे 2022 के लिए प्रभारी और प्रत्‍याशी घोषित किया गया था. वहीं, इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

जानें क्‍या है मामला

यूपी के मुजफ्फरनगर बसपा नेता अरशद राणा ने दूसरे दावेदार को टिकट मिलने के बाद फेसबुक पर एक पोस्ट की थी। इस दौरान उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि बहुजन समाज पार्टी के पश्चिम प्रभारी शमसुद्दीन राईन ने अगर मेरा चुनाव के नाम पर लिया गया पैसा वापस नहीं किया तो लखनऊ में माननीय बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो बहन मायावती के आवास पर आत्मदाह करूंगा। इसके साथ राणा ने अपनी पोस्ट में बताया कि राईन ने चरथावल विधानसभा में कार्यक्रम के दौरान मेरे नाम की घोषणा की थी। इसके बाद से मैं होर्डिंग और पोस्‍टर में तमाम पैसा खर्च कर चुका हूं. हालांकि इस मामने में राईन की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।

वर्चुअल रैली के नाम पर जुटाई भारी भीड़, 2500 सपा नेताओं पर प्रकरण दर्ज

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच चुनाव आयोग द्वारा रैलियों पर रोक लगाई गई है। ये पाबंदी 15 जनवरी तक जारी रहने वाली है, लेकिन शुक्रवार को सपा लखनऊ कार्यालय के बाहर लोगों का भारी हुजूम देखने को मिला। सपा ने इसे नाम जरूर वर्चुअल रैली का दिया लेकिन वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गईं और किसी भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं हुआ। अब सपा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कुल 2500 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

धारा 144 के तहत एक्शन

पुलिस ने धारा 144 के तहत सपा के खिलाफ ये एक्शन लिया गया है। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा, ढाई हजार समाजवादी पार्टी के नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें 269, 270, 144 महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस के द्वारा पहले वीडियोग्राफी कराई गई, जिसके बाद उन को चिन्हित किया गया है और फिर मुकदमा दर्ज किया गया। अभी तक समाजवादी पार्टी की तरफ से इस विवाद पर कोई सफाई पेश नहीं की गई है लेकिन बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है। बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने जोर देकर कहा है कि सपा ने कोरोना काल में चुनाव आयोग के नियमों का मखौल उड़ाया है, सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को तार-तार किया गया है। इस पूरे मामले पर लखनऊ के जिला अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने भी साफ कर दिया है कि सपा द्वारा इस कार्यक्रम के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। जब इस कार्यक्रम की जानकारी मिली, तब पुलिस को सपा दफ्तर भेजा गया और अब आगे की कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि आज सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर लखनऊ में बड़ा कार्यक्रम किया था। स्वामी ने बीजेपी का दामन छोड़ सपा की सदस्यता ली। ऐसे में बड़ा सियासी संदेश देने के लिए भारी भीड़ भी जुटाई गई और बीजेपी पर भी बड़ा हमला बोला गया।

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