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गायों की सेवा का अनूठा आयोजन: ड्राई फ्रूट्स डालकर 11 क्विंटल आम रस पिलाया

प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ में 1205 गायों को पिलाया 11 क्विंटल आम रस: राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में शनिवार को गायों की सेवा का बेहद अनूठा आयोजन किया गया. यहां की श्री महावीर गोवर्धन गोशाला में 1205 गोवंश को 11 क्विंटल ड्राई फ्रूट्स मिक्स आम रस पिलाया गया. इस आयोजन में बड़ी संख्या में लोगों ने श्रद्धा के साथ सहभागिता निभाई. गायों को आम रस पिलाने का इस तरह का आयोजन राजस्थान में संभवतया पहली हुआ है.

गोवंश भी आम रस का आनंद ले सके इसके लिये यहां एक अनूठा आयोजन किया गया. यहां 11 क्विंटल आमों का ड्राई फ्रूट्स मिक्स कर आम रस तैयार कर गोवंश को पूरी श्रद्धा के साथ पिलाया गया. इस आयोजन को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग श्री महावीर गोवर्धन गोशाला पहुंचे और इस अनूठे नजारे का आनंद लिया।

मांगलिक कार्यक्रमों और त्योहारों के दौरान गोवंश को लापसी, गुड़ और हरा चारा खिलाने के तो कई कार्यक्रम आये दिन होते रहते हैं. लेकिन गायों को आम रस पिलाने का यह आयोजन संभवतया पहली बार हुआ है. बेहद श्रद्धा के साथ प्रतापगढ़ की श्री महावीर गोवर्धन गोशाला के प्रबंधन ने शनिवार को इसका अनूठा आयोजन किया. यहां पहले 11 क्विंटल आम रस तैयार कर उसे कुंड में भरा गया. उसके बाद श्रद्धालुओं ने उस आम रस में ड्राई फ्रूट्स डालकर गोवंश के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की. इस कार्यक्रम को लेकर युवाओं में भी खासा उत्साह नजर आया।

श्री महावीर गोवर्धन गोशाला में हैं 1205 गोवंश

जिले की सबसे बड़ी श्री महावीर गोवर्धन गोशाला में 1205 गोवंश है. यह वह गोवंश है जिन्हें कत्लखाने में जाने से बचाया गया है. इस गोशाला का संचालन गो भक्तों और एवं जीव दया प्रेमियों की ओर से आर्थिक सहयोग देकर किया जाता है. यहां आये दिन मांगलिक कार्यक्रम के अवसरों पर लोगों की ओर से गायों को हरा चारा डालने और गुड़ लापसी खिलाने के कार्यक्रम होते रहते हैं। गौशाला के ट्रस्टी अरविंद वया का कहना है कि इस गौशाला में जिलेभर के थानों से गोवंश को भेजा जाता है. जिले में पांच और गौशालायें हैं. लेकिन कई बार जगह की कमी के चलते उनके द्वारा गोवंश को लेने से मना कर दिया जाता है. ऐसी स्थिति में उन गोवंश को भी यहां छोड़ा जाता है. यहां के गोवंश को भी आम लोगों की तरह ‘आम’ खाने का आनंद मिल सके इसके लिए यह विशेष आयोजन किया गया ।

गौशाला से जुड़े जैन संगीतकार त्रिलोक मोदी का कहना है कि कत्लखाने जाने से बचाए गए गोवंश की हालत यहां आने के समय अत्यधिक खराब होती है लेकिन यहां आने के बाद गोवंश के खानपान का भी विशेष ख्याल रखा जाता है. उन्हें चारे के साथ ही प्रोटीनयुक्त भोजन उपलब्ध कराया जाता है. इसी का परिणाम है कि यहां कत्लखाने में जाने से बचाया गई गायें प्रजनन भी कर रही हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में आए दिन विभिन्न गौशालाओं में सार संभाल के अभाव में गोवंश के मौत की खबर चर्चा का विषय बनती रहती है. वहीं दूसरी ओर प्रतापगढ़ की श्री महावीर गोवर्धन गोशाला में किया गया इस तरह आयोजन प्रदेश की अन्य गौशालाओं के लिए एक नजीर साबित होगा।

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