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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए चीन को दिए ये तीन अहम सुझाव

नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज लद्दाख की स्थिति पर राज्यसभा में बयान दिया। उन्होंने कहा कि पिछले साल से जारी गतिरोध के बीच चीन के साथ सैन्य और कूटनीतिक स्तर की कई वार्ताएंअब तक की गई है, लेकिन अब तक कोई खास सफलता हासिल नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि चर्चा में दौरान भारत ने चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के लिए तीन सिद्धांतों का सुझाव दिया है।

दोनों पक्ष सीमाओं का करे सम्मान

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि हम तीन सिद्धांतों के आधार पर सीमा विवाद का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं। पहला दोनों पक्षों द्वारा एलएसी को माना जाए और उसका सम्मान किया जाए। किसी भी पक्ष के द्वारा एकतरफा वर्तमान स्थिति को बदलने की कोशिश न की जाए और सभी समझौतों का दोनों पक्षों के द्वारा पूर्ण रूप से पालन किया जाए।

पेंगोंग से सेनाएं हट रही है पीछे

उन्होंने कहा कि हम अपनी एक इंच जगह भी किसी को नहीं लेने देंगे। पेंगोंग के नॉर्थ और साउथ बैंक को लेकर दोनों देशों में एक समझौता हुआ है और वहां से सेनाएं पीछे हटेंगी। उन्होंने कहा कि पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण में दोनों देशों के सैनिकों की वापसी पर सहमति बन गई है। कल से इस जगह से सीमा पर सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सैनिक वापसी की प्रक्रिया के बाद शेष बचे मुद्दों के समाधान के लिए बातचीत चल रही है। समझौते के 48 घंटे के अंदर दोनों देश के कमांडर मुलाकात करेंगे।

43 हजार वर्ग किलोमीटर पर है अवैध कब्जा

लद्दाख की जमीनी हकीकत से रुबरू कराते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन ने अवैध तरीके से लद्दाख के अंदर हमारे 1962 से ही 38 हजार वर्ग किलो मीटर पर कब्जा कर रखा है। इसके अलावा, पाकिस्तान ने अवैध तरीके से पाक अधिकृत कश्मीर में भारत की करीब 5180 वर्ग किलोमीटर जमीन चीन को दे रखी है। इस तरह से 43 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक भारत की जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा कर रखा है।

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