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मध्यप्रदेश मे नई शिक्षा नीति के तहत अब सिंधी भाषा को भी पाठ्यक्रम में जोड़ा गया

मध्यप्रदेश मे नई शिक्षा नीति के तहत अब सिंधी भाषा को भी पाठ्यक्रम में जोड़ा गया

मध्य प्रदेश में नई शिक्षा नीति के तहत अब सिंधी भाषा को भी पाठ्यक्रम में जोड़ा जा रहा है सिंधी समाज के कई सिंधी समाज के महापुरुषों के बारे में छात्र-छात्राओं को अब जानने को मिलेगा। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहां नई शिक्षा नीति के तहत सिंधी भाषा भी पाठ्यक्रम में शामिल होगा।

मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहां नई शिक्षा नीति के तहत सिंधी भाषा भी पाठ्यक्रम में शामिल होगी। चेटीचंड पर्व पर यह गोंडा प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने की है इस घोषणा के बाद सिंधी समाज के लोगो मे इस फैसले का स्वागत किया है। वही छात्र छात्र-छात्राओं ने भी इस फैसले का स्वागत किया है।

सिंधी समाज के शिक्षिका ने बताया कि इस फैसले से हमें हमारे समाज के महापुरुषों का इतिहास जानने को मिल सकेगा हमारे समाज के शहीद हेमू कॉलोनी को हम जानते तो है लेकिन उनके इतिहास के बारे में नहीं जानते हैं और ऐसे कई हमारे महापुरुष हैं जिनका इतिहास हमें अब पढ़ने को और समझने को मिलेगा इससे हम बेहद खुश हैं और प्रदेश सरकार का हम तहे दिल से धन्यवाद देते हैं।

सिंधी समाज की होनार छात्रा लवीना रोचलानी ने भी सिंधी भाषा को नई शिक्षा नीति में लागू करने का जो फैसला सरकार ने लिया है उसको लेकर बेहद खुश हैं और आने वाली युवा पीढ़ी को उन्होंने एक संदेश भी दिया है मुझे तो गोल्ड मेडल से नवाजा गया है और मैं सिंधी समाज की बेटी हूं मुझे गर्व है कि प्रदेश सरकार ने सिंधी भाषा को नई शिक्षा नीति में लागू किया है तो मैं हमारे मंत्री और प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त करती हूं नई शिक्षा नीति के तहत अब सिंधी भाषा को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।

दरअसल भगवान झूलेलाल की जयंती के ठीक 1 दिन पहले प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने यह घोषणा की है। मंत्री यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि सिंधी समाज के अमर शहीद हेमू कालानी जैसे महान लोगों के साथ ही भगवान झूलेलाल को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। खास बात तो यह है कि देश में मध्यप्रदेश पहला ऐसा राज्य होगा जहां हिंदी भाषा पाठ्यक्रम में शामिल की जा रही है मंत्री ने कहा कि एच्छिक विषय के रूप में शामिल होगी। हिंदी साहित्य को बढ़ावा दिया जा सके इसलिए यह कदम उठाया गया है। शिक्षा विभाग के इस निर्णय पर सिंधी समाज विद्यार्थियों में हर्ष की लहर है।

सांसद अनिल फिरोजिया का कहना है कि प्रदेश सरकार ने सिंधी समाज के लिए अच्छा कदम है मैं भी इस केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जी को पत्र लिखकर मांग करूंगा कि पूरे देश में शिक्षा नीति में सिंधी भाषा का कोर्स लागू किया जाए ।

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