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उमा भारती ने कहा, ‘ब्यूरोक्रेसी चप्पल उठाती है हमारी’

भोपाल। मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर जारी सियासत में अब पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेत्री उमा भारती कूद गई हैं। सोमवार को उनका एक वीडियो वायरल हो गया। इसमें वे ओबीसी आरक्षण के पक्ष में और ब्यूरोक्रेसी के खिलाफ बयान देती नजर आईं । ये वीडियो वायरल होने के बाद उमा भारती विपक्ष के निशाने पर आ गई हैं। कांग्रेस ने भाजपा के नेताओं से मामले पर स्पष्टीकरण की मांग की है। वायरल वीडियो उमा भारती के भोपाल निवास का बताया जा रहा है। ओबीसी आरक्षण के मसले पर कुछ प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने आए थे।

इस बीच किसी ने ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठाया। तब उमा भारती ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी कुछ नहीं होती। चप्पल उठाने वाली होती है ब्यूरोक्रेसी। चप्पल उठाती है हमारी। हमको समझाया जाता है कि आपका बहुत बड़ा चक्कर पड़ जाएगा ऐसा हो गया तो। क्या लगता है ब्यूरोक्रेसी नेता को घुमाती है। अकेले में बात हो जाती है, फिर ब्यूरोक्रेसी फाइल बनाकर लाती है। मैं मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री रही हूं। पहले हमसे बात हो जाती है, फिर फाइल प्रोसेस होती है। ब्यूरोक्रेसी की औकात क्या है। हम उन्हें तनख्वाह दे रहे, हम उन्हें पोस्टिंग दे रहे, हम प्रमोशन और डिमोशन दे रहे। हम ब्यूरोक्रेसी के बहाने से अपनी राजनीति साधते हैं। वीडियो सामने आते ही कांग्रेस को भाजपा पर हमला करने का मौक मिल गया। कांग्रेस ने कहा है कि ब्यूरोक्रेसी को लेकर हमें कोसने वाले भाजपा नेता स्पष्ट करें कि वो उमा के बयान से सहमत हैं या नहीं और ब्यूरोक्रेसी का क्या यही सम्मान करती है भाजपा।

19 सितंबर का है वीडियो

उमा भारती का यह वीडियो 19 सितंबर का बताया जा रहा है। इस दिन ओबीसी महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने उमा भारती से भोपाल स्थित उनके बंगले पर मुलाकात की थी। प्रतिनिधि मंडल ने ओबीसी की जातिगत जनगणना और प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण को लेकर उमा भारती को 5 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा था।

आरक्षण के लाभ के लिए एकजुट होना होगा

उमा भारती ने कहा कि असली बात है कि हम ब्यूरोक्रेसी के बहाने से अपनी राजनीति साधते हैं। यदि आरक्षण का लाभ चाहिए तो कर्नाटक के लिंगायतों की तरह एकजुट होना पड़ेगा।

अपनी ही सरकार को दे चुकी है चेतावनी

कुछ दिनों से उमा भारती लगातार तीखे तेवर बनाए हुए हैं। उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ डंडा उठाने की तैयारी भी कर ली है। उन्होंने कहा है कि शराबबंदी के लिए वे 15 जनवरी के बाद सड़कों पर उतरेंगी। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जनजागरुकता के लिए 6 महीने का समय दिया है। इसके बाद शराबबंदी में सुधार नहीं हुआ तो वे डंडा लेकर सड़कों पर निकलेंगी।

निजी क्षेत्र में रिजर्वेशन मिले तभी फायदा

उमा भारती ने आगे कहा कि आरक्षण से कुछ हासिल नहीं होगा। जब तब प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण नहीं मिलेगा, तब तक कोई फायदा नहीं होगा। सरकारों ने जमीन तक प्राइवेट सेक्टर को सौंप दी है। अब आरक्षण के लिए प्राइवेट सेक्टर पर दबाव बनाओ।

यह है ओबीसी महासभा की चेतावनी

ओबीसी महासभा ने चेतावनी दी है कि मध्यप्रदेश सरकार को उनकी मांगों पर जल्द से जल्द फैसला लेना होगा। नहीं तो बीजेपी के सांसद, विधायक और मंत्रियों का पुरजोर विरोध किया जाएगा। ओबीसी महासभा ने बिहार और यूपी में जातिगत जनगणना की मांग उठने पर मध्य प्रदेश में भी आवाज उठाने को लेकर उमा भारती से अनुरोध किया था।

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