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Ujjain : मंदिर में बंधी मटकी से पानी की जगह दूध टपकता हुआ दिखा, विडियो वायरल

UJJAIN : मंदिर में बंधी मटकी से पानी की जगह दूध टपकता हुआ दिखा, विडियो वायरल

अभी एक न्यूज तेजी से वायरल हो रही है जोकी उज्जैन की है, उज्जैन भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है, जो की क्षिप्रा नदी के किनारे पर बसा है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल ज्योतिर्लिंगों इस नगरी में स्थित है।

उज्जैन में मंगलवार को बसंत विहार कॉलोनी के क्षेत्र के सी-सेक्टर में स्थित, बड़केश्वर महादेव मंदिर जो कि उज्जैन का प्राचीन मंदिर माना जाता है, इस बार बड़केश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग के ऊपर बंधी मटकी से पानी की जगह दूध टपक रहा था जिसे वहा के भक्त हैरान रह गए। कोई इसे चमत्कार बता रहा है तो कोई इसे भोलेनाथ की माया। भोलेनाथ तो हमारे भोले हैं वह कुछ भी माया कहीं पर भी कर सकते हैं। मंदिर के शिवलिंग पर दूध टपकने की खबर आग की तरह फैली | देखे वायरल विडियो click करे |

The stream of milk coming out of the pot of water fell on the Shivling |  हैरान रह गए भक्त, जब पानी की मटकी से निकलने लगी दूध की धार | Patrika News
मंदिर में बंधी मटकी से पानी की जगह दूध टपकता हुआ दिखा |

लोगों को पता चलने के बाद, चमत्कार देखने के लिए मंदिर में भक्तों की बोहोत भीड़ लग गई। उस दिन सुबह करीब 5 बजे कुछ भक्त जल चढ़ाने के लिए मंदिर पहुंचे थे। इस दौरान भक्तो ने देखा कि शिवलिंग के ऊपर बंधी मटकी से पानी के जगह दूध टपक रहा है और बह रहा है, फिर किसीने उस मटकी के अंदर देखा तो उसमें दूध नहीं पानी था प्योर पानी जिसे देखकर सभी आश्चर्यचकित रह गए। वहां के पुजारियों से भी बात करने के बाद कुछ पता नहीं चला क्योंकि उन्हें भी यह देखने को सुबह ही मिला था.

कोई इसे चमत्कार बता रहा है तो कोई भोलेनाथ की माया। लोगों का मानना है कि भगवान शिव वैशाख महीने में दूध से चमत्कार दिखा रहे हैं। दूध टपकने की घटना देखने वाले रोहित पांडे ने बताया कि भगवान शिव को गर्मी से बचाने के लिए वैशाख महीने में मटकी को लगाया था। मंगलवार को सुबह दर्शन के दौरान यह चमत्कार देखा, जिसमें गाड़ा दूध निकल रहा था। ये बिल्कुल बड़ के पेड़ से निकलने वाले दूध की तरह था। और रहवासी भूपेंद्र सोनी ने भी बताया कि सुबह 6 बजे के लगभग जल अर्पण करने आया तो देखा मटकी ऊपर तक जल से भरी लेकिन शिव लिंग पर दूध टपक रहा है।

मंदिर में भगवन शिव को 21 लीटर दूध चढ़ाया

उज्जैन में दूध टपकने के चमत्कार होने की घटना के बाद से ही कुछ लोग इसे भगवान शिव की महिमा बता रहे है। चमत्कार देखते हुए रहवासियों ने 21 लीटर दूध मंगाकर भगवान बड़केश्वर महादेव मंदिर के शिवलिंग पर दूध अर्पण किया। संतोष करारे ने बताया कि दूध टपकने के साथ साथ सुबह 5 बजे से भरा पानी 6 घंटे बाद भी कम नहीं हुआ है। वही निचे शिवलिंग पर पानी जगह दूध टपक रहा है ये सब बाबा बड़केश्वर महादेव भगवान ने अद्भुत चमत्कार करके दिखाया है।

श्री महाकालेश्वर मंदिर के बारे में देखे

उज्जैन : उज्जयिनी के श्री महाकालेश्वर भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। महाकालेश्वर मंदिर की महिमा का विभिन्न पुराणों में विशद वर्णन किया गया है। कालिदास से शुरू करते हुए, कई संस्कृत कवियों ने इस मंदिर को भावनात्मक रूप से समृद्ध किया है। उज्जैन भारतीय समय की गणना के लिए केंद्रीय बिंदु हुआ करता था और महाकाल को उज्जैन का विशिष्ट पीठासीन देवता माना जाता था।

समय के देवता, शिव अपने सभी वैभव में, उज्जैन में शाश्वत शासन करते हैं। महाकालेश्वर का मंदिर, इसका शिखर आसमान में चढ़ता है, आकाश के खिलाफ एक भव्य अग्रभाग, अपनी भव्यता के साथ आदिकालीन विस्मय और श्रद्धा को उजागर करता है। महाकाल शहर और उसके लोगों के जीवन पर हावी है, यहां तक ​​कि आधुनिक व्यस्तताओं के व्यस्त दिनचर्या के बीच भी, और पिछली परंपराओं के साथ एक अटूट लिंक प्रदान करता है।

भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, महाकाल में लिंगम (स्वयं से पैदा हुआ), स्वयं के भीतर से शक्ति (शक्ति) को प्राप्त करने के लिए माना जाता है, अन्य छवियों और लिंगों के खिलाफ, जो औपचारिक रूप से स्थापित हैं और मंत्र के साथ निवेश किए जाते हैं- शक्ति। महाकालेश्वर की मूर्ति दक्षिणमुखी होने के कारण दक्षिणामूर्ति मानी जाती है। यह एक अनूठी विशेषता है, जिसे तांत्रिक परंपरा द्वारा केवल 12 ज्योतिर्लिंगों में से महाकालेश्वर में पाया जाता है। महाकाल मंदिर के ऊपर गर्भगृह में ओंकारेश्वर शिव की मूर्ति प्रतिष्ठित है।

गर्भगृह के पश्चिम, उत्तर और पूर्व में गणेश, पार्वती और कार्तिकेय के चित्र स्थापित हैं। दक्षिण में नंदी की प्रतिमा है। तीसरी मंजिल पर नागचंद्रेश्वर की मूर्ति केवल नागपंचमी के दिन दर्शन के लिए खुली होती है। महाशिवरात्रि के दिन, मंदिर के पास एक विशाल मेला लगता है, और रात में पूजा होती है।

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