इंदौर। अगर आज आप बैंक में अपना कुछ जरूरी काम निपटाने की सोच रहे थे तो ये खबर आपके लिए है. सरकारी बैंकों को प्राइवेट क्षेत्र को सौंपने के सरकार के फैसले के खिलाफ पब्लिक सेक्टर के बैंक कर्मचारी आज से 2 दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर रहेंगे. वहीं दूसरी ओर तेल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों के खिलाफ किसान और मजदूर संगठन भी सड़कों पर उतरेंगे. किसान आज कॉर्पोरेट विरोध दिवस मनाएंगे.
ये यह मुख्य वजह
बैंकों की हड़ताल को लेकर बता दें कि इस बार के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि इस साल सरकार 2 सरकारी बैंकों और एक इंश्योरेंस कंपनी का निजीकरण होगा सरकार के इस फैसले के खिलाफ 9 सरकारी बैंकों की यूनियन, यूनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स ने आज सोमवार और कल मंगलवार को हड़ताल का एलान किया है.
इंदौर में लगभग रोजाना होता है चार सौ करोड़ का लेनदेन
इंदौर में लगभग 4 सौ करोड़ का लेनदेन प्रतिदिन होता है जो मुख्य रूप से प्रभावित होगा, हालांकि एटीएम से बैंकिंग कार्य जारी रहेगा। बैंक अधिकारियों का कहना है कि निजी करण से ना केवल बैंक कर्मचारियों को बल्कि आम उपभोक्ता को भी नुकसान होगा, अभी सरकारी बैंक में 500 से 1000 में खाता खुलता है वही प्राइवेट बैंक में यह राशि बढ़कर 50000 से 10000 हो जाएगी। इसके पहले भी जो मर्जर हुए हैं उस से उपभोक्ताओं को भी परेशानियां उठानी पड़ी हैं।
2 दिन तक दस लाख कर्मचारी रहेंगे हड़ताल पर
इस हड़ताल की वजह से बैंकों के 10 लाख कर्मचारी 2 दिन काम पर नहीं आएंगे, जिससे बैंकों का काम प्रभावित होने की आशंका है. पिछले 4 सालों में 14 सार्वजनिक बैंकों का मर्जर किया है. अभी देश में 12 सरकारी बैंक हैं, उसके बाद इनकी संख्या घटकर 10 रह जाएगी. 2 बैंकों का निजीकरण वित्तीय वर्ष 2021-22 में किया जाएगा.