Twitter: ट्वीटर और सरकार के बीच पिछले कुछ दिनो से जारी तनातनी के बीच सरकार ने एक सख्त कदम उठाया है। भारत में अब ट्विटर ने कानूनी सुरक्षा का आधार गंवा दिया है।
ट्विटर से कर सकेगी पुलिस पूछताछ
नए आईटी नियमों की अवहेलना करना ट्विटर को भारी पड़ गया है। जानकारी के मुताबिक ट्विटर को आईटी नियमों के तहत मिली छूट अब खत्म कर दी गई है। केंद्र सरकार की ओर से यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि ट्विटर की ओर से 25 मई से लागू हुए आईटी नियमों का अनुपालन अब तक नहीं किया गया है। इस कार्रवाई के बाद अब ट्विटर पर आईपीसी के तहत मामले दर्ज हो सकेंगे और पुलिस पूछताछ भी कर सकेगी।
कानूनी सुरक्षा नहीं मिलेगी
हाल ही में एक वायरल वीडियो के संबंध में ट्विटर पर गाजियाबाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। अब इस मामले को लेकर ट्विटर पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक अब 26 मई के बाद दर्ज किए गए किसी भी मामले में उसे कानूनी सुरक्षा नहीं मिलेगी। वहीं गलत ट्वीट को लेकर गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर इंडिया और 2 कांग्रेस नेता सहित 9 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। FIR इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने के आरोप में दर्ज की गई है। ट्विटर पर आरोप है कि पुलिस द्वारा मामला पूरी तरह से स्पष्ट किए जाने के बावजूद ट्विटर ने गलत ट्वीट को नहीं हटाया। पुलिस ने इस मामले में मोहम्मद जुबैर, राना अय्यूब, द वायर, सलमान निजामी, मसकूर उस्मानी, शमा मोहम्मद, सबा नकवी, ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और ट्विटर INC के खिलाफ FIR दर्ज की है।
सांप्रदायिकता भड़काने के आरोप
FIR में कहा गया है कि इन सभी लोगों ने ट्विटर पर घटना को सांप्रदायिक रंग दिया और समाज में शांति भंग करने और धार्मिक समूहों को भड़काने के उद्देश से वीडियो वायरल किया गया। पुलिस का कहना है कि घटना पीड़ित और शरारती तत्वों के बीच व्यक्तिगत विवाद की वजह से हुई। इसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों ही संप्रदाय के लोग शामिल थे, लेकिन आरोपियों ने घटना को इस तरह बताया कि दोनों संप्रदायों के बीच तनाव पैदा हो।