Mradhubhashi
Search
Close this search box.

इंदौर के बीमा अस्पताल में हार्ट और कैंसर के मरीजों का इलाज बंद

इंदौर। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) अस्पताल में आने वाले हार्ट और कैंसर के मरीजों का उपचार एक महीने से बंद है। गंभीर मरीजों की स्थिति देखकर उनको अनुबंधित अस्पताल में रैफर किया जा रहा है। प्रारंभिक स्तर पर जूझ रहे मरीज परेशान हो रहे हैं, क्योंकि उनका उपचार नहीं हो पा रहा है।

प्राइवेट अस्पतालों में महंगे इलाज के कारण ईएसआईसी अस्पताल में मरीज पहुंचते हैं, लेकिन यहां एक माह से सुविधा बंद हैं। सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए कई ठोस कदम उठा रही है। यहां मरीजों को जरूरत का उपचार ही नहीं मिल पा रहा। कुछ ऐसा ही ईएसआईसी नंदा नगर स्थित अस्पताल में कैंसर और हार्ट के मरीजों के साथ हो रहा हैं। अस्पताल का एक महीने पहले अनुबंध समापत होने से पार्ट टाइम सुपर स्पेशियलिटी इन हाउस केयर बंद हो गया है। ऐसे में अब मरीज उपचार के लिए परेशान हो रहे हैं।

विशेषज्ञों का अनुबंध हो गया समाप्त

नंदानगर स्थित ईएसआईसी अस्पताल में एक महीने पहले कॉर्डियोलॉजी और आॅन्कोलॉजी विशेषज्ञों से अनुबंध समाप्त हो गया। इसके बाद से ही असपताल में पार्ट-टाइम सुपर स्पेशियलिटी इन-हाउस केयर बंद होने के कारण सैकड़ों मरीज परेशान हो रहे हैं। अस्पताल अब तक मरीजों के लिए सुविधा नहीं जुटा पा रहा है। अभी तक अस्पताल प्रशासन ने अनुबंध की अवधि समाप्त होने पर एक्सटेशन नहीं दिया और न ही कोई नया विशेषज्ञ नियुक्त किया। अस्पताल कैंसर और हार्ट से संबंधित बीमारियों से ग्रसित मरीजों के उचित उपचार के लिए यहां वपर सुपर स्पेशयलिटी विंग में इन बीमारियों के विशेषज्ञों को अनुबंध किया गया था, जिसमें आॅन्क्रोलॉजी और कार्डियोलॉजी विशेषज्ञों का अनुबंध क्रमश: 12 और 15 जनवरी को समाप्त हो गया। एक्सटेंशन का कोई प्रावधान नहीं होने से प्रबंधन ने एक्सटेंशन नहीं बढ़ाया। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने एक प्रस्ताव इस संबंध में मुख्यालय भेजा था, जिसे मंजूर नहीं किया गया।

दूरदराज से पहुंचने वाले मरीज हो रहे परेशान

ईएसआईसी अस्पताल में मरीज उपचार करवाने के लिए दूरदराज से पहुंचते हैं, क्योंकि महंगी दवाई, जांच ओर डॉक्टरों का चार्च सामान्य आय वाले लोग वहन नहीं कर पाते इसलिए अपने ईएसआईसी कार्ड से उपचार करवाने पहुंचते हैं। पहले पास के स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार करवाकर लोग ईएसआईसी अस्पताल पहुंचते हैं। ऐसे में यहां भी हार्ट और कैंसर जैसे उपचार नहीं हो रहे हैं। हालांकि अन्य बीमारियों के उपचार आसानी से हो रहे हैं। अस्पताल में लगातार मरीज आ रहे हैं लेकिन उनका उपचार नहीं हो पा रहा हैं। जानकारों की माने तो इन-हाउस सुपर स्पेशियलिटी केयर को शुरू करने के बारे में निर्णय लेने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक हुई है। ये सुविधाएं बहुत जल्द शुरू होने की उम्मीद हैं।

बढ़ी कमीशन खोरी

विभागीय सूत्रों के अनुसार दोनों विभाग बंद कर उनका एक्सटेंशन देने के पीछे पूरा रेफरेेंस का खेल है। पिछले साल चार हजार मरी को कैंसर का उपचार ईएसआईसी से दिया गया था, जिससे अस्पताल ने 4 से 5 करोड़ रुपए बचाए थे। अब चूंकि अस्पताल में जनवरी से ही रेफरेेंस का गेम हैं। हमारे विशेषज्ञ अच्छा काम कर रहे थे। विभाग बंद हो गया, रैफर नहीं होंगे तो कमीशन नहीं मिलेगा। पिछले साल करीब 4 हजार मरीज को अस्पताल ने कैंसर का इलाज दिया। अब अस्पताल में कैंसर का इलाज नहीं किया जा रहा है तो ऐसे में यहां से मरीजों को अन्य निजी अस्पतालों में रेफर किया जाने लगा है जिससे कमीशन खोरी बढ़ गई हैं।

मना कर दिया एक्सटेंशन देने से

दोनो विभाग बंद कर दिए गए हैं। एक्सटेंशन देने से मना कर दिया गया हैं। इंटरव्यू कंडक्ट नहीं किए नहीं किए जा रहे हैं। पेशेंट परेशान हो रहे हैं। अस्पताल में प्रतिदिन 10-15 मरीज कैंसर के आ रहे हैं। 15 जनवरी से उपचार बंद कर दिया गया है।
डॉ. सुचित्रा बोस, अधीक्षक, ईएसआईसी नंदानगर

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट