Mradhubhashi
Search
Close this search box.

ग्राम आरोलिया में भाईचारे के साथ मनाई गई छोड़े की परंपरा

मोहन बड़ोदिया। मोहन बड़ोदिया तहसील के ग्राम आरोलिया में पहले से ही धार्मिक और आस्था प्रतीक बना हुआ है।

यह सैकड़ों वर्षो से दादा परदादा के समय से खेला जा रहा छोड़ा उत्सव आज भी ग्रामीण धार्मिक आस्था और भाई चारे के साथ मनाया जाता है। यह पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह दीपावली के दूसरे दिन परंपरा अनुसार छोड़ा उत्सव कार्यक्रम रखा जाता है। परंपरा अनुसार इस वर्ष भी ग्राम में भाईचारे एवं आस्था के साथ के छोड़े की परंपरा उत्सव मनाया जाता है।

तुलसी की प्रजाति  का पौधा गांठ बांधकर पाडे का चमड़ा डंडे से बांधा जाता है और हनुमान जी के यहां शुद्धिकरण किया जाता है। जिसकी पूजा अर्चना भी की जाती है। फिर गाय के सामने चमड़े का छोड़ा ले जाया जाता है।  जिसमें गाय कहीं अपने सिंग से छोड़े पर मारती है। यह प्रक्रिया बार-बार चलती रहती है। ग्रामीण जनों का कहना है कि जितनी बार गाय इस छोड़े पर वार करती है। ग्रामीण पर आए संकट दूर होते हैं। यहां परंपरा इस वर्ष सभी भाई चारे के साथ ग्रामीण जनों के द्वारा मनाई गई है ।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट