नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पिम्परी-चिंचवाड़ में हुए एक बिटकॉइन ट्रेडर के अपहरण की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। इस मामले में पुलिस ने एक पुलिस कांस्टेबल सहित कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
इस मामले में सबसे ज्यादा चौकाने बात यह है कि इस पूरी किडनैपिंग का मुख्य मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि पिम्परी-चिंचवाड़ पुलिस का ही एक पुलिसकर्मी था, जिसने 300 करोड़ की बिटकॉइन को पाने के लिए अपने साथियों के साथ मिलकर यह साजिश रची थी।
ट्रेडर विनय नाइक के पास 300 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी है
पिम्परी-चिंचवाड़ पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किया गया आरोपी पुलिस कांस्टेबल दिलीप तुकाराम खंडारे विशेष साइबर क्राइम सेल में कार्यरत था। खंडारे को यह जानकारी मिली कि बिटकॉइन ट्रेडर विनय नाइक के पास 300 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी है। करोड़ों की क्रिप्टोकरेंसी को देखकर उसके मन मे लालच आ गया और उसने अपने हिस्ट्रीशीटर दोस्तों के साथ मिलकर विनय नाइक का किडनैप करने साजिश की रच डाली।
डर के चलते पीड़ित विनय नाइक को छोड़ दिया
साजिश के तहत 14 जनवरी को विनय नाइक को किडनैप करके एक होटल में ले जाकर रखा गया और फिर उसके परिवार से फिरौती मांगी गई। पीड़ित नाइक के दोस्त ने इसकी जानकारी वाकड पुलिस स्टेशन को दी। इस जानकारी के मिलते ही फौरन पुलिस हरकत में आई और दो टीमें पूरे मामले की जांच में लगाई गई। पुलिस की मुस्तैदी देखकर मुख्य साजिशकर्ता कांस्टेबल दिलीप खंडारे को यह हिंट मिल गया और आरोपियों की गिरफ्तारी होने के डर के चलते पीड़ित विनय नाइक को छोड़ दिया।
रिहा होने के बाद नाइक ने 300 करोड़ की बिटकॉइन के लिए किडनैप करने की बात पुलिस को बताई। उसकी जानकारी के आधार पर पुलिस ने मुम्बई से कांस्टेबल खंडारे सहित 7 और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।