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Tokyo Olympic: 121 साल बाद भारत की एथलेटिक्स में विराट और गौरवशाली उपलब्धि, नीरज चोपड़ा ने भाले से सोने पर साधा निशाना

Tokyo Olympic: नीरज चोपड़ा ने पहले थ्रो में 87.03 मीटर भाला फेंका। दूसरे थ्रो में 87.58 मीटर जेवलिन फेंका।नीरज चोपड़ा का तीसरा प्रयास कुछ खास नहीं रहा और वह सिर्फ 76.79 मीटर दूर ही भाला फेंक पाए। नीरज चोपड़ा का चौथा थ्रो फाउल रहा। उसके बाद उन्होंने बेहतर खेल दिखाते हुए सोने के तमगे पर कब्जा जमा लिया।

नीरज चोपड़ा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, हरियाणा के मुक्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित कई गणमान्य लोगों ने बधाई दी है।

नीरज चोपड़ा ने जर्मनी के बायो मैकेनिक्स एक्सपर्ट क्लाउस बार्तोनित्ज से ट्रेनिंग ली है। इससे पहले वह 5 बड़ी खेल प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन चैंपियनशिप, साउथ एशियन गेम्स और वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है। नीरज का पर्सनल बेस्ट 88.06 मीटर है।

भालाफेंक में भारत के नीरज चोपड़ा इतिहास रचने के उद्देश से मैदान में उतरे। इस तरह एथलीट ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में पदक जीतने वाले वह भारत के पहले खिलाड़ी बन गए। इससे पहले ब्रिटिश इंडिया की ओर से खेलते हुए नॉर्मन प्रिटचार्ड ने 199 ईस्वी में एथलेटिक्स में दो पदक जीते थे। आजादी के बाद या इससे पहले किसी हिंदुस्तानी ने अभी तक कोई पदक नहीं जीता है। इस तरह से नीरज चोपड़ा ने भारत के 121 साल के इंतजार को खत्म किया है।

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