बड़ावदा/डॉ प्रदीप बाफना जैन – त्रिस्तुतिक मूर्ति पूजक संघ के चल रहे पर्वाधिराज पर्व पर्युषण के तीसरे दिन सूरत से पधारे स्वाध्याय साधर्मिक भाई कार्तिक शाह सजन शाह व सेहुल पटवा ने महावीर मांगलिक परिसर में धर्म सभा मे बताया कि श्रावक को पर्युषण महापर्व पर पांच आवश्यक कर्तव्यों को पूरा करना चाहिए जिसमें प्रथम कर्तव्य अमारी अर्थात अहिंसा है।
अहिंसा प्राणी मात्र पर दया व अभय दान सहित अपनी आत्मा पर जमे हुए कषायों को भी समाप्त करना है। द्वितीय कर्तव्य साधर्मिक भक्ति होता है जिसमें विशेष रूप से अहिंसा धर्म का पालन करने वाले साधर्मिकों का जीवन स्तर ऊंचा उठाना होता है। तृतीय अट्ठम तप अर्थात सभी को कम से कम एक बार तीन उपवास अवश्य करना ही चाहिए, इसके बाद का कर्तव्य आता है। क्षमा याचना जिसमें प्राणी मात्र से क्षमा मांगना व क्षमा करना दोनों आता है। अंतिम कर्तव्य है चेत्र परिपाटी अर्थात सामूहिक रूप से श्रीसंघ के साथ नगर के जिन मंदिरों के दर्शन करने जाना होता है।
आज दोपहर को मानमल सकलेचा के निवास स्थान पर कल्पसूत्र को ढोल ढमाकों के साथ श्री संघ द्वारा ले जाया गया आज रात्री में नमन धारीवाल अपने भजनों की प्रस्तुति देगा।कल शुक्रवार को प्रातः कल्पसूत्र को बोहराने अष्टप्रकार की पूजा ज्ञान पूजा व आरती लाभार्थी परिवार की ओर से की जाएगी।शुक्रवार को सुबह स्वामिवात्सल्य का आयोजन लाभार्थी मानमल समरथमल सकलेचा परिवार की ओर से किया जाएगा।