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हिवाला गांव के तीन किशोरों की अजनाल नदी में डूबने से मौत कैटरिंग का काम करने आए थे, एक महीने में 8 बालक डूबे

हिवाला गांव के तीन किशोरों की अजनाल नदी में डूबने से मौत कैटरिंग का काम करने आए थे, एक महीने में 8 बालक डूबे
हिवाला गांव के तीन किशोरों की अजनाल नदी में डूबने से मौत कैटरिंग का काम करने आए थे, एक महीने में 8 बालक डूबे
हिवाला गांव के तीन किशोरों की अजनाल नदी में डूबने से मौत कैटरिंग का काम करने आए थे, एक महीने में 8 बालक डूबे

खिरकिया। हरदा की अजनाल नदी में डूबने से खिरकिया तहसील के ग्राम हिवाला के तीन बालकों की मौत हो गई। घटना के बाद तीनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना जिला मुख्यालय स्थित गुप्तेश्वर मंदिर के पास अजनाल नदी की है। यहां करीब 12 बजे के आसपास प्रत्यक्षदर्शियों ने सूचना दी कि तीन किशोर नदी में डूब गए हैं। घटना की सूचना पर पहुंचे होमगार्ड और एसडीआरएफ की टीम ने तीनों को बाहर निकाला।

खेड़ीपुरा निवासी राजेश कहार सहित अन्य युवकों ने नदी में युवकों की तलाश शुरू की थी, जिसमें एक के बाद एक तीन बालकों को राजेश और उसके साथियों ने पानी से बाहर निकाला। जिसमें दो बालकों को सिविल लाइन थाना पुलिस के आरक्षक ने अपने वाहन से अस्पताल पहुंचाया। जबकि तीसरे को पानी से बाहर निकालने के बाद एसडीईआरएफ की टीम जिला अस्पताल लेकर आई।

गोताखोरों की मदद से निकाला

होमगार्ड की प्लाटून कमांडर रक्षा राजपूत का कहना है कि उन्हें आम लोगों से तीन लड़कों के अजनाल नदी में डूबने की सूचना मिली थी। जिसके बाद टीम मौके पर पहुंची थी। अजनाल नदी घटना की सूचना पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग अस्पताल पहुंच गए। सूचना पर पहुंचे होमगार्ड और गोताखोरों की मदद से उन्हें बाहर निकालकर तुरंत अस्पताल ले जाया गया।

जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। एसडीएम महेश कुमार बमन्हा और सिविल लाइन थाना प्रभारी राजेश साहू जिला अस्पताल पहुंचे। बता दें, जिले में बहने वाली अजनाल नदी में एक माह में आठ बालकों की नहाने के दौरान डूबने से मौत हो चुकी है।

साप्ताहिक बाजार में चप्पल-जूते बेचते हैं मोहित के पिता

हरदा एसडीओपी अर्चना शर्मा ने बताया कि तीनों की पहचान सोनू पिता लखनलाल बघेल, तिलक पिता दिनेश चौरे, मोहित पिता विजय बामने के रूप में हुई है। उम्र करीब 14 से 15 साल है। ये तीनों खिरकिया तहसील,छीपाबड़ थाना क्षेत्र के ग्राम हिवाला के रहने वाले थे। वे हरदा कैटरिंग का काम करने आते थे।

एक बच्चे के पिता लखनलाल बघेल ने बताया कि शनिवार शाम को हमारे गांव हिवाला से तीनों बस में सवार होकर कैटरिंग का काम करने हरदा आए थे। इसके बाद हमें कोई जानकारी नहीं है। आज पता चला कि तीनों की डूबने से मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक सोनू दो भाइयों में बड़ा था, उसका छोटा भाई 5 साल का है। जबकि मोहित दो भाइयों में छोटा था। मोहित के पिता विजय बामने जिले में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में चप्पल-जूते बेचते हैं।

गांव के 15 से बीस लड़के करते है केटरिंग पर काम

मृतक मोहित के बड़े भाई महेंद्र ने बताया कि मेरे गांव हिवाला के 15-20 लड़के गर्मियों में स्कूलों की छुट्टी होने और परिवार के सदस्यों को आर्थिक सहयोग करने के लिए कैटरिंग पर काम करने जाते हैं। छोटे भाई को कल काम करने पर जाने से मना किया था, लेकिन वह नहीं माना और शाम को बस से हरदा आ गया।

अजनाल नदी के किनारे रात में कैटरिंग पर काम करने के बाद घर जाने से पहले नहाने और कपड़े धोने के लिए नदी पर गए होंगे। इस दौरान यह हादसा हो गया। मोहित ने नौवीं कक्षा की परीक्षा दी थी। वह मांदला की सरकारी स्कूल में पढ़ता था। जबकि तिलक ने भी खिरकिया के होस्टल में रहकर नौवीं की परीक्षा दी थी। जिला अस्पताल में तीनों का पीएम कर रविवार शाम को गांव में ही तीनों का अंतिम संस्कार किया गया।

मोबाइल के बिल पर छीपाबड़ की दुकान का पता

एसडीएम महेश कुमार बमन्हा ने बताया कि नदी में डूबे तीनों बालकों को तत्काल जिला अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि मृतकों के परिजन को शासन की गाइड लाइन के अनुसार चार-चार लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। नदी किनारे तीनों के कपड़े और एक मोबाइल मिला है। मोबाइल के बिल में छीपाबड़ की किसी दुकान का पता था, जिससे शिनाख्त करने में आसानी हुई।

नहीं लगा संकेत बोर्ड

अजनाल नदी/अजनाल नदी में बीते एक महीने में आठ बालकों की मौत के बाद भी संकेत बोर्ड नहीं लगे हैं। इस बारे में जब एसडीएम महेश कुमार बमन्हा ने बताया कि प्रशासन ने नदी के दुर्घटना वाले क्षेत्रों में संकेत बोर्ड लगाए गए हैं, लेकिन असमाजिक तत्वों द्वारा उन बोर्ड को उखाड़ दिया जाता है।

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