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मुख्यमंत्री कन्यादान घोटाले में सीईओ सहित तीन गिरफ्तार, लॉकडाउन में करा दीं 3500 शादियां, करोड़ों रुपए डकारे

भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना घोटाले में फर्जी तरह से शादियां दिखाने वाले जनपद सीईओ सहित तीन लोगों की गिरफ्तारी हो गई है। इन लोगों ने पूर्व की शादियों और जिनकी शादी नहीं हुई, उनके नाम पर सरकारी योजनाओं के करोड़ों रुपए निकालकर सरकारी राशि को हजम कर लिया। आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने गुरुवार को इनकी गिरफ्तारी की।

विदिशा की सिरोंज जनपद पंचायत सीईओ शोभित त्रिपाठी और उनके कार्यालय के दो कम्प्यूटर ऑपरेटर हेमंत उर्फ जीतेंद्र साहू व योगेंद्र शर्मा ने मिलकर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में गड़बड़ी की। कोविड महामारी की पहली, दूसरी लहर के दौरान इन लोगों ने योजना के तहत करीब छह हजार शादियां दिखाकर करोड़ों रुपए की सरकारी राशि को निकाला। ईओडब्ल्यू ने इन तीनों आरोपियों को अब तक की जांच के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार कर लिया है। शोभित त्रिपाठी को राज्य शासन द्वारा पूर्व में ही निलंबित किया जा चुका है।

दरअसल सिरोंज जनपद में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आरोपियों की मिलीभगत से कई गलत शादियों की राशि निकाली गई। कई ऐसे लोगों के नाम इस योजना की राशि निकाली गई जिन्हें यह पता ही नहीं चला कि उनके नाम पर योजना लाभ लेकर सरकारी राशि निकाल ली गई। इन लोगों के खातों में राशि भेजे जाने की जगह आरोपियों ने दूसरे खातों में राशि जमा करा ली। ऐसे लोगों के नाम को भी योजना मेंं भी शामिल किया जिनकी पूर्व में शादियां हो चुकी थीं। कोविड महामारी की पहली और दूसरी लहर में जब कम शादियां हुईं थीं तब इन लोगों ने छह हजार की संख्या में सरकारी योजना का लाभ देना बताकर उनके नाम की राशि निकाली। यह मामला सिरोंज के विधायक उमाकांत शर्मा के विधानसभा में उठाए जाने पर सामने आया था जिसमें विधानसभा अध्यक्ष गिरोश गौतम ने भी आश्चर्य व्यक्त किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभागों की समीक्षा के दौरान शोभित त्रिपाठी को निलंबित करने के आदेश दिए थे। शोभित त्रिपाठी मंत्री गोपाल भार्गव के साढ़ू हैं।

30 करोड़ से ज्यादा का पेमेंट

विदिशा जिले की सिरोंज जनपद पंचायत में कोरोना काल में 5 हजार 923 विवाह के मामले स्वीकृत कर 30 करोड़ 18 लाख 39 हजार रुपए का पेमेंट कर दिया गया था। एक महीने पहले ईओडब्ल्यू ने शोभित त्रिपाठी समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। जांच में सामने आया कि कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन था। सार्वजनिक विवाह कार्यक्रम प्रतिबंधित थे। सिरोंज जनपद पंचायत के उएड ने एक अप्रैल 2020 से 30 जून 2021 के बीच 3500 हितग्राहियों को विवाह सहायता के नाम पर राशि वितरित कर दी।

इतनी फर्जी शादियां


जांच एजेंसी को मिले साक्ष्य में सिरोंज में 2019 से 2021 के बीच 5923 शादियां की गई हैं। सभी हितग्राहियों को 51-51 हजार रुपए वितरित किए गए हैं। ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की, तो इसमें सामने आया कि कोरोना काल में 3500 जोड़ों की शादियों के नाम पर सरकारी पैसा निकाला है।

भ्रष्टाचार के दस्तावेज गायब

जांच एजेंसी को कई हितग्राहियों के दस्तावेज भी नहीं मिले। माना जा रहा कि घोटाला उजागर होने के बाद अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के दस्तावेज गायब कर दिए। एसडीएम के अलावा अन्य कर्मचारियों की भी भूमिका को लेकर जांच की जा रही है।

यह है योजना

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत दंपती के खाते में 51 हजार रुपए ट्रांसफर किए जाते हैं। साथ ही सामूहिक विवाह में कई तरह की व्यवस्थाएं सरकार की ओर से होती है। साथ ही गृहस्थी का सामान भी दंपती को दिया जाता है।

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