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ये टेलीकॉम कंपनी 55000 कर्मचारियों की नौकरी छीनेगी

ये टेलीकॉम कंपनी 55000 कर्मचारियों की नौकरी छीनेगी

नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से लगातार सोशल प्लेटफार्म वाली कंपनियों के अलावा कई बड़ी कंपनियों में कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है। कर्मचारियों की छंटनी का सिलसिला अब तक नहीं थमा है। अब ब्रिटिश की टेलीकॉम कंपनी बीटी ग्रुप में 55,000 नौकरियों की कटौती करने की योजना है। कंपनी खर्चों में कमी लाने के लिए यह कदम उठाने जा रही है। कंपनी में नियमित और कॉन्ट्रैक्ट वाले कर्मियों की संख्या 1,30,000 है। टेलीकॉम कंपनी ने हाल में कहा है कि टेलीकॉम के कर्मचारियो की संख्या 2030 तक घटकर 75 हजार से 90 हजार तक रह जाएगी।

पूर्व में भी टेलीकॉम कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी फिलिप जानसेन ने कहा था कि -2020 का दशक खत्म होते-होते बीटी समूह के कर्मियों की संख्या बहुत कम हो जाएगी , जिससे टेलीकॉम कंपनी को खर्च भी बहुत कम हो जाएगा।

ये टेलीकॉम कंपनी 55000 कर्मचारियों की नौकरी छीनेगी
ये टेलीकॉम कंपनी 55000 कर्मचारियों की नौकरी छीनेगी

टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन का भी ऐलान

इसके पहले ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन ने बड़े पुनर्गठन के तहत 11 हजार कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी। वोडाफोन ने कहा कि नौकरियों की संख्या में कटौती को अगले तीन वर्षों में अंजाम दिया जाएगा। कंपनी पहले ही इटली, जर्मनी और ब्रिटेन स्थित अपने मुख्यालय में छंटनी की घोषणा कर चुकी है।

साइबर सुरक्षा में भी बढ़े रोजगार

रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि कोरोना की वजह से कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम की सुविधाएं दी हैं। इससे साइबर सुरक्षा को लेकर बेहतर प्रबंधन की मांग बढ़ी है। आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त, 2019 से अगस्त, 2022 के बीच साइबर सुरक्षा के लिए नौकरियों की पोस्टिंग में 81% वृद्धि हुई है। अगस्त, 2019 से अगस्त, 2022 के बीच साइबर सुरक्षा की नौकरियों में 25.5% प्रतिभाओं की कमी रही है। ऐसे में 5जी सेवाओं के लॉन्च से सुरक्षा संबंधी नौकरियों में बड़ा उछाल आएगा। 

माइक्रोसॉफ्ट ने 1000 को निकाला

माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन ने अपने हर डिवीजन से कुल मिलाकर कम-से-कम एक हजार लोगों की छंटनी की है। ये जानकारी अमेरिकी वेबसाइट एक्सिओस ने मंगलवार को सूत्र के हवाले से दी। अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ताजा उदाहरण है, जिसने दुनियाभर में छाई आर्थिक मंदी की आशंका के चलते लोगों को नौकरी से निकाला है। इसके साथ ही कंपनी ने नई भर्तियों पर रोक लगा दी है। 

  • इस छंटनी का असर माइक्रोसॉफ्ट की कुल कर्मचारियों की संख्या के तकरीबन एक फीसदी पर पड़ेगा। बता दें कि 30 जून के आंकड़ों के अनुसार माइक्रोसॉफ्ट के कर्मचारियों की कुल संख्या 2 लाख 21 हजार है। कंपनी ने जुलाई में कहा था कि कुछ छोटी भूमिकाओं को कम किया गया है और इस वजह से आगे भी छंटनी जारी रह सकती है।
  • बढ़ती ब्याज दरों और यूरोप में आसमान छूती महंगाई के चलते कई बड़ी टेक्नॉलजी कंपनियों जैसे मेटा (फेसबुक), ट्विटर, स्नैप आदि ने भी छंटनी की है और भर्ती की प्रक्रिया को भी या तो रोक दिया है या बहुत धीमा कर दिया है।


पहली छमाही में आईटी कंपनियों ने 1.05 लाख फ्रेशर्स को दीं नौकरियां

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में इन्फोसिस समेत चार प्रमुख आईटी कंपनियों ने 1.05 लाख फ्रेशर्स को नौकरी दी है। इन कंपनियों ने पिछले साल इसी अवधि में 97,000 भर्तियां की थीं।
चारों कंपनियों का मानना है कि नए कर्मचारी अनिश्चितता के माहौल में ज्यादा विश्वसनीय होते हैं। इसलिए वरिष्ठ स्तर पर नियुक्ति के बजाय प्रशिक्षण कार्यक्रम बढ़ाने पर जोर है।  टीसीएस को छोड़ बाकी कंपनियों में पिछली तिमाही में नौकरी छोड़ने की दर कम या स्थिर रही है।

  • इन्फोसिस : पहली छमाही में 40,000 लोगों की भर्ती की है। चालू वित्त वर्ष में 50,000 भर्तियों की है योजना।
  • टीसीएस : 35,000 फ्रेशर्स को नौकरी दे चुकी है।
  • विप्रो : 14,000 भर्तियां पहली छमाही में कर चुकी है। 2022-23 में 30,000 लोगों की भर्ती कर सकती है।
  • एचसीएल टेक : चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान 16,000 भर्ती कर चुकी है। कंपनी की 30,000 लोगों की भर्ती की योजना है।
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