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प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान के पत्रकारों पर इसलिए हुआ केस दर्ज

पत्रकार

खंडवा. शहर में नवजात के खरीद-फ़रोख़्त के मामले में सोमवार शाम एक नया मोड़ सामने आया जिसमें चार पत्रकारों पर डॉ. सौरभ सोनी ने बंधक बनाने, ब्लैकमेलिंग के साथ ही मारपीट का आरोप लगाते हुए कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज करवाई हैं। श्रमजीवी पत्रकार संघ के खंडवा जिलाध्यक्ष व आईबीसी 24 चैनल के रिपोर्टर देवेंद्र जायसवाल, पत्रकार अजीत लाड़,  सदाक़त पठान सहित युवक राज पिल्लै के विरूद्ध कोतवाली पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध करते हुए प्रकरण दर्ज किया है।

पुलिस को की गई शिकायत में फरियादी डॉ. सौरभ सोनी ने बताया कि विगत एक माह से इन पत्रकारों द्वारा मेरी जासूसी की जा रही थी एवं मुझे ब्लैकमेल कर झूठे केस में फ़साने की धमकी दी जा रही थी। दिनांक 22 जुलाई की शाम को पत्रकार अजीत लाड़, राज पिल्लै, देवेंद्र जायसवाल और सदाक़त पठान ने मेरे क्लिनिक पर काम करने वाले कमलेश के मोबाईल से फ़ोन लगवाकर कचहरी के पीछे रेस्ट हाउस के पास बुलवाया में अकेला अपनी बाइक से वहां गया।

इस दौरान राज पिल्लै ने मेरी बाईक की चाबी निकाली और मेरी फ़ोटो लेने लगा, मेने विरोध किया तब पीछे कार से तीन पत्रकार और आये और मेरे साथ मारपीट की। और कार में जबरदस्ती बैठाकर मोबाईल छुड़ा लिया। कार में मेरा नोकर कमलेश और मोहसीन पहले से ही बैठे थे। चारों पत्रकार हम तीनों को भंडारिया गांव ले गए जहां पर इनके द्वारा मुझे बच्चे के ख़रीद फ़रोख़्त के मामले में फ़साने के लिए धमकाया यहां पर भी इन लोगों द्वारा मेरे साथ मारपीट की।

मामले को रफा दफ़ा करने के लिए इन चारों पत्रकारों ने मुझसे 50 लाख रुपये की डिमांड की। जिस पर मेरे द्वारा इतनी बड़ी रकम देने से इंकार करने पर इनके द्वारा 20 लाख रुपये में तोड़ी करने की बात पर राजी हो गए। जिसके एवज़ में मेरे द्वारा फोन पे के माध्यम से अजीत लाड़ के खाते में 25 हज़ार रुपये ट्रांसफर किये गए। इन लोगों के ना मानने पर मैंने अपने रिश्तेदार से 2 लाख रुपये नगद मंगवाकर इन लोगों को दिए। इसके साथ ही सात लाख 75 हज़ार एवं 10 लाख रुपये के दो चेक सिक्योरिटी के एवज़ में इनको दिए गए जिसके बाद इन लोगों ने मुझे कमलेश और मोहसीन की छोड़ा।

खंडवा से मृदुभाषी के लिए आशिष मिश्रा की रिपोर्ट

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