बड़ौदा : महिलाओं को सजने-संवरने का शौक बहुत होता है। उम्दा किस्म की साड़ी पहनने की तमन्ना भी हर महिला की होती है, लेकिन कभी बजट की दिक्कत तो कभी पसंद का चक्कर। ऐसे में बड़ौदा गुजरात की कुछ महिलाओं ने मिलकर देश-दुनिया की अनोखी साड़ी लाईब्रेरी बनाई है, जहां पर आपको आपकी पसंद की हर वैरायटी की साड़ी उपलब्ध हो जाएगी।
मेड से मिला आइडिया
साड़ी लाइब्रेरी की यह कहानी गुजरात के शहर बड़ौदा की है, जहां शहर के ओल्ड पडरा रोड, मल्हार पॉइंट पर आपको बेहतरीन किस्म की साड़ी पहनने के लिए मिल जाएगी। आठ सहेलियों ने मिलकर इस लाइब्रेरी को शुरी किया और नाम दिया ‘अष्ट सहेली लाइब्रेरी’। इस अनोखी लाइब्रेरी की संस्थापक हेमा चौहान का कहना है कि साड़ी लाइब्रेरी का आइडिया उनको उनकी मेड से मिला। उन्होंने बताया कि पिछली गर्मियों में उनकी मेड कुछ दिनों के लिए एक शादी में शामिल होने के लिए जा रही थी। उसके पास अच्छी साड़ी पहनने के लिए नहीं थी और ही उसके पास इतने पैसे थे कि वह नई साड़ी खरीद सके।
पांच-पांच आउटफिट से हुई शुरूआत
हेमा चौहान ने से अपनी चनिया-चोली पहनने के लिए उधार दे दी। वापस लौटने के बाद वह काफी खुश ती और उसने बताया कि चनिया-चोली शादी में सभी को काफी पसंद आई। हेमा चौहान ने उसकी खुशी देखकर उससे वह डेस वापस नहीं ली। फिर उन्होंने सोचा कि हमारे आसपास न जाने कितने ऐसे लोग होंगे, जिनके पास समारोह में पहनने के लिए अच्छे कपड़े नहीं होते हैं, तो कुछ महिलाओं के पास काफी साड़ियां होती है, जिनको वो ज्यादा नहीं पहनती है। इसके साथ ही उन्होंने उनकी सहेलियों ने अपने पांच-पांच आउटफिट दान करके इस लाइब्रेरी की शुरूआत की।
400 से अधिक साड़ियों का है कलेक्शन
इस साड़ी लाइब्रेरी में महिलाएं पांच दिनों के लिए मामूली कीमत पर एक बार में तीन साड़ियों को किराए पर ले सकती हैं। अष्ट सहेली लाइब्रेरी में कांजीवरम, रेशम, बनारसी, कोटा चेक, बंधनी से लेकर शिफॉन और जॉर्जेट तक 400 से अधिक साड़ियों का कलेक्शन है। इसके अलावा, 30 चन्या चोली और 60 अन्य पारंपरिक परिधान जैसे पलाज़ो, लहंगा और ब्लाउज भी आपको मिल जाएंगे। यह लाइब्रेरी दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक खुली रहती है। अष्ट सहेली लाइब्रेरी का एक 1,300 सदस्यों वाला ऑनलाइन ग्रुप भी है। हेमा के अलावा, अष्ट सहेली ग्रुप की कोर कमेटी में नीला शाह, रीता विठलानी, पारुल पारिख, साधना शाह, गोपी पटेल, नीलिमा शाह और ट्विंकल पटेल शामिल हैं।
ली जाती है 500 रुपए की टोकन राशि
अष्ट सहेली साड़ी लाइब्रेरी में महिलाओं को साड़ी किराए पर देते वक्त 500 रुपये की टोकन राशि जमा कराई जाती है। हेमा ने बताया, “हम टोकन राशि से सिर्फ ड्राई क्लीनिंग का खर्च निकालते हैं। वह खर्च भी बहुत ज्यादा नहीं होता है। एक साधारण साड़ी की ड्राई क्लीनिंग पर 100 रुपये खर्च होते हैं, तो वहीं जरी वर्क वाली साड़ी को पॉलिश करने की जरूरत होती है। इसके लिए 250 रुपये तक का खर्चा आता है।