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सीबीएसई एग्जाम को लेकर लिया यह बड़ा फैसला, देखें खबर

सीबीएसई एक्जाम

नई दिल्ली. कोरोना के बाद से स्कूल व कॉलेज को अनिश्चित तौर पर बंद कर दिया था। लेकिन सरकार ने कोरोना पर काबू  कर लिया है और अब कोरोना के मामले न्यूतनम दर पर है । इसके बाद से देश में बच्चों कि शिक्षा को लेकर चिंता का विषय बना हुआ है।

अब और छात्रों की शिक्षा प्रभावित ना हो उसके लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने छात्रों के हित में अहम निर्णय लिया है। 2021-22 सत्र के 10 वीं व 12 वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए बोर्ड ने विशेष मूल्याकंन योजना नीति बनाकर परीक्षा को दो भागों में विभाजित किया है।

दो टर्म में 10 वीं- 12 वीं कि परीक्षा आयोजित की जाएंगी। पहले टर्म कि परीक्षा नवंबर-दिसंबर में 2021 में होगी, जबकि दूसरे टर्म कि परीक्षा का आयोजन 2022 के मार्च-अप्रैल में ली जाएंगी।  सरकार के इस अहम फैसले से स्टूडेंट्स काफी खुश है और बच्चों के अंदर सकारात्मकता भी आई है। इस सुविधा के लिए कई स्कूलों के प्रिंसिपल,टीचर्स और अभिभावकों ने सरकार और बोर्ड का धन्यवाद कर नई परीक्षा नीति का स्वागत भी किया है।

सीबीएसई ने वर्ष 2022 के 10 वीं और 12 वीं कक्षाओं कि बोर्ड परीक्षाओं को लकेर स्पेशल असेसेमेंट स्कीम की घोषणा कर छात्रों को नई परीक्षा नीति के बारें में समझाया था । इसमें सीबीएसई ने सेकेंड्री और सीनीयर सेकेंड्री कक्षाओं कि बोर्ड परीक्षाओं को दो भागों में बांट कर रिवाइज्ड सिलेबस के आधार पर आयोजित करने की घोषणा 5 जुलाई को की थी। यह सिलेबस सीबीएसई की वेबसाईट पर अपलोड किए जाएंगे।इसके बाद से टीचर्स और स्टूडेंट्स रिवाइज्ड सिलेबस की प्रतीक्षा कर रहे है।

वहीं, कई शिक्षकों ने पिछले शैक्षणिक वर्ष की 30 प्रतिशत की कमी के बजाय इस वर्ष ‘प्रभावी’ कमी की उम्मीद जताई है। सीबीएसई द्वारा महामारी के मद्देनजर शैक्षणिक वर्ष के नुकसान को समायोजित करने के लिए सिलेबस में संशोधन किया जाना है। यह सिलेबस को दो भागों में विभाजित करेगा। 50 प्रतिशत सिलेबस टर्म 1 की परीक्षा और 50 प्रतिशत सिलेबस टर्म 2 की परीक्षा के लिए होंगे।

बता दें कि सिलेबस में कटौती की घोषणा के बाद से, स्कूल कक्षा 10 और 12 के लिए नए और संशोधित सीबीएसई पाठ्यक्रम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कई शिक्षकों ने शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए बोर्ड द्वारा दी गई 30 प्रतिशत कटौती के बजाय इस वर्ष अधिक व्यापक कटौती की इच्छा व्यक्त की है। एक प्राइवेट स्कूल की मैथ्स टीचर ने कहा कि पिछले वर्ष, बोर्ड ने पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत की कमी की थी।

हमने पिछले वर्ष लगभग पूरे सिलेबस को कवर कर लिया था। इस वर्ष, हालांकि, हम उम्मीद करते हैं कि इसके कुछ हिस्सों के बजाय पूरे टॉपिक्स को हटा दिया जाएगा। यह सिलेबस को गति देने में मदद करेगा और शिक्षकों को स्टूडेंट की समझ बनाने के लिए अधिक समय देगा।

वहीं, कुछ शिक्षकों ने यह भी जानकारी दी कि स्कूलों ने पहले ही कुछ अध्याय पूरे कर लिए हैं और घोषणा ने अनिश्चितता को वापस ला दिया है। अभी कुछ समय से ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। यदि सिलेबस में कमी करनी है तो इसकी घोषणा जल्द से जल्द की जानी चाहिए। वहीं, कई शिक्षक सीबीएसई द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए जारी कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए संशोधित पाठ्यक्रम में वापस आ गए हैं।

शिक्षक यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि नए एमसीक्यू आधारित पेपर पैटर्न के लिए सैंपल पेपर सिलेबस के साथ जारी किए जाएंगे, क्योंकि स्कूलों में स्टूडेंट्स को तैयार करने के लिए केवल 4 महीने हैं। कुछ अन्य शिक्षकों ने कहा कि यह देखा जाना बाकी है कि सिलेबस को दो भागों के बीच कैसे विभाजित किया जाएगा।

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